बुधवार, 24 दिसंबर 2014

मानव शरीर कि प्रकृति विद्युत रासायनिक है । कोई भी शक्ति जो मनुष्य के विद्युत रासायनिक व्यवस्था को बाधित करता है वो शरीर के शरीरक्रिया व्यवस्था को भी प्रभावित करेगा ।

सूक्ष्मतरंग चूल्हा, या माइक्रोवेव ओवन (60 to 90 GHz) एक रसोईघर उपकरण है जो कि खाना पकाने और खाने को गर्म करने के काम आता है। इस कार्य के लिये यह चूल्हा द्विविद्युतीय (dielectric) उष्मा का प्रयोग करता है। यह खाने के भीतर उपस्थित पानी और अन्य ध्रुवीय अणुओं को सूक्ष्मतरंग विकिरण का उपयोग करके गर्म करता है। मैग्नेट्रॉन इसका मुख्य अवयव है जो सूक्ष्मतरंगे पैदा करता है।

माइक्रोवेव ओवन का इतिहास :

माइक्रोवेव ओवन मूलतः नाजियों द्वारा अपने mobile support operations में उपयोग के लिए विकसित किया गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद माइक्रोवेव ओवन पर जर्मनों द्वारा किया गया चिकित्सा अनुसंधान मित्र शक्ति के हात लगा। सोवियत संघ ने भी कुछ माइक्रोवेव ओवन निकाल लिया और उनके जैविक प्रभाव पर सबसे अधिक गहन शोध किया। और सोवियत संघ ने माइक्रोवेव ओवन की स्वास्थ्य के खतरों पर एक अंतरराष्ट्रीय (जैविक और पर्यावरण) चेतावनी जारी किया । अन्य पूर्वी यूरोपीय वैज्ञानिकों ने भी माइक्रोवेव विकिरण के हानिकारक प्रभावों की सूचना दी और इसके सख्त पर्यावरण सीमा निर्धारित किया। पर किसी अज्ञात कारणों से अमेरिका ने इसके हानिकारक प्रभावों के यूरोपीय रिपोर्टों को स्वीकार नहीं किया।

माइक्रोवेव ओवन के सूक्ष्मतरंग विकिरण भोजन को जेहरिला बना देता है –
## उसमे कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों का गठन होता है :

1. मांस माइक्रोवेव ओवन में पकाने से उसमे d-Nitrosodiethanolamines नामक एक कैंसर पैदा करने वाली तत्व का गठन होता है ।

2. दूध और अनाज माइक्रोवेव ओवन में गरम करने या पकाने से उनके कुछ अमीनो एसिड परिवर्तित होक कैंसर पैदा करने वाली तत्व बन जाता है ।

3. बेबी फ़ूड को माइक्रोवेव ओवन में गरम करने से उसमे एक ऐसा तत्व उतपन्न होता है जो बच्चे की तंत्रिका तंत्र और गुर्दे के लिए ज़हर होता है ।

## भोजन की पोषक तत्वों के विनाश होता है :

1. रूसि शोधकर्ताओं ने अपने माइक्रोवेव ओवन परीक्षण में सभी खाद्य पदार्थों में 60 से 90% Food Value की कमी पायी ।

2. माइक्रोवेव ओवन में पके सभी खाद्य पदार्थों में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी, विटामिन ई, आवश्यक खनिज और lipotropic कारकों की कमी पायी गयी ।

## पैकेजिंग से खाद्य पदार्थों में विषैले रसायनों की रिसाव होता है :

1. माइक्रोवेव खाद्य पदार्थों जैसे पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज़, पॉपकॉर्न के ऊष्मा-शोशक पैकेजिंग से कई जहरीले रसायनों के रिसाव उसमे होता है ।
माइक्रोवेव ओवेन में पका खाना खानेवालों के शारीर में क्या होता है ?

## माइक्रोवेव में पके खाद्य पदार्थों के उपभोगताओं में पैथोजेनिक परिवर्तन पाया गया है, जैसे :

1. लसीका संबंधी विकार पाया गया जो कुछ प्रकार के कैंसर रोकने कि क्षमता को कम किया ।
2. रक्त में कैंसर सेल के गठन दर की वृद्धि हुई ।
3. पेट और आंतों के कैंसर होने की दर में बृद्धि आई ।
4. पाचन विकार की उच्च दर और उन्मूलन प्रणालियों के टूटने का क्रम देखा गया ।

## माइक्रोवेव ओवेन में गरम किया हुआ रक्त से मौत :

1991 में अमेरिका में एक मुकदमा नोर्मा लेविट नामक व्यक्ति के मौत से संबंधित था जो एक साधारण से कूल्हे की सर्जरी के बाद खून चढ़ाने से निधन हो गया । नर्स ने गलती से खून चढ़ाने से पहले उसको माइक्रोवेव ओवन में गरम किया था । महिला की मृत्यु हो गई थी जब उसने रक्त प्राप्त किया । रक्त चढ़ाने से पहले नियमित तौर पर गर्म किया जाता है लेकिन नहीं माइक्रोवेव ओवन में नही । इस घटना से पता चलता है कि माइक्रोवेव ओवन में गरम करने के दौरान रक्त एक घातक पदार्थ में बदल गया था ।

माइक्रोवेव बीमारी :

1950 में रडार के विकास के दौरान रुसीओं ने हजारो श्रमिको के ऊपर माइक्रोवेव के संपर्क में आने पर शोध किया था । उस शोध रिपोर्ट में बताया है .. इसका पहला लक्षण कम रक्तचाप और धीमी नाड़ी हैं , बाद में संवेदनिक तंत्रिका प्रणाली में उत्तेजना और उच्च रक्तचाप है । इस चरण में अक्सर सिरदर्द, चक्कर आना, आंख में दर्द, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, चिंता, पेट दर्द, तंत्रिका तनाव, ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता, बालों के झड़न, पथरी, मोतियाबिंद, प्रजनन समस्याओं, और कैंसर की वृद्धि की घटना भी शामिल है । बाद में अधिवृक्क थकावट और हृदय रोग जैसे कोरोनरी धमनियों कि रुकावट और दिल का दौरा पड़ना भी शामिल है । 


अपने भारत की संस्कृति को पहचानें ***

* दो पक्ष - कृष्ण पक्ष एवं शुक्ल पक्ष ! 

* तीन ऋण - देव ऋण, पित्र ऋण एवं ऋषि त्रण !

* चार युग - सतयुग, त्रेता युग, द्वापरयुग एवं कलयुग !

* चार धाम - द्वारिका, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पूरी एवं रामेश्वरम धाम !

* चारपीठ - शारदा पीठ ( द्वारिका ), ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम), गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) एवं श्रन्गेरिपीठ !

* चर वेद- ऋग्वेद, अथर्वेद, यजुर्वेद एवं सामवेद !

* चार आश्रम - ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, बानप्रस्थ एवं संन्यास !

* चार अंतःकरण - मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार !

* पञ्च गव्य - गाय का घी, दूध, दही, गोमूत्र एवं गोबर , !

* पञ्च देव - गणेश, विष्णु, शिव, देवी और सूर्य !

* पंच तत्त्व - प्रथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश !

* छह दर्शन- वैशेषिक, न्याय, सांख्य, योग, पूर्व मिसांसा एवं दक्षिण मिसांसा !

* सप्त ऋषि - विश्वामित्र, जमदाग्नि, भरद्वाज, गौतम, अत्री, वशिष्ठ और कश्यप !

* सप्त पूरी - अयोध्या पूरी, मथुरा पूरी, माया पूरी ( हरिद्वार ), काशी, कांची (शिन कांची - विष्णु कांची), अवंतिका और द्वारिका पूरी !

* आठ योग - यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधी !

* आठ लक्ष्मी - आग्घ, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग एवं योग लक्ष्मी !

* नव दुर्गा - शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायिनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री !

* दस दिशाएं - पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, इशान, नेत्रत्य, वायव्य आग्नेय, आकाश एवं पाताल !

* मुख्या ग्यारह अवतार - मत्स्य, कच्छप, बराह, नरसिंह, बामन, परशुराम, श्रीराम, कृष्ण, बलराम, बुद्ध एवं कल्कि !

* बारह मास - चेत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, अषाड़, श्रावन, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फागुन !

* बारह राशी - मेष, ब्रषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, ब्रश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ एवं कन्या !

* बारह ज्योतिर्लिंग - सोमनाथ, मल्लिकर्जुना, महाकाल, ओमकालेश्वर, बैजनाथ, रामेश्वरम, विश्वनाथ, त्रियम्वाकेश्वर, केदारनाथ, घुष्नेश्वर, भीमाशंकर एवं नागेश्वर !

* पंद्रह तिथियाँ - प्रतिपदा, द्वतीय, तृतीय, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा , अमावश्या !

* स्म्रतियां - मनु, विष्णु, अत्री, हारीत, याज्ञवल्क्य, उशना, अंगीरा, यम, आपस्तम्ब, सर्वत, कात्यायन, ब्रहस्पति, पराशर, व्यास, शांख्य, लिखित, दक्ष, शातातप, वशिष्ठ !

जय जय माँ भारती, जय भारत !!