रविवार, 3 मार्च 2019

परेशानी का अचूक उपाय

।। हर परेशानी का अचूक उपाय ।।
शिवपुराण का यह चमत्कारी शिव मंत्र है,
सोमवार को शिवपुराण का यह शिव मंत्र मुरादें ही पूरी नहीं करता, बल्कि परेशानियों का भी सफाया कर देता है। श्री शिवपुराण – माहात्म्य, रूद्रसंहिता, पंचम ( युद्ध ) खंड, अध्याय – १४४ से १४६
भगवान विष्णु और ब्रह्मा के साथ सब देवता कैलास पर्वतपर गये और सुंदर शब्दों में शिवकी स्तुति करने लगे – ‘महेश्वर देव ! आप परमोत्कृष्ट आत्मबल से सम्पन्न हैं; आप ही सृष्टि के कर्ता ब्रह्मा, पालक विष्णु और संहर्ता रूद्र हैं, परब्रह्मस्वरूप आपको नमस्कार है |’ यों महादेवजी का स्तवन करके देवों ने उन्हें साष्टांग प्रणाम किया |
यह मंत्र भगवान विष्णु के द्वारा बताया गया है, यह मंत्र भगवान श्री हरि और हर दोनो को अति प्रिय मंत्र है, और दोनों देव हरि और हर कहे या हरिहर नाथ कहे। सभी देव एक ही है, अनंत होते हुए भी एक ही परमेश्वर है।
भगवान विष्णु बोले – “देवो तथा मुनियों ! तुमलोग क्यों दु:खी हो रहे हो ? तुम्हें अपने सारे दुःख का परित्याग कर देना चाहिये | अब तुम सब लोग आदरपूर्वक मेरी बात सुनो | देवगण ! तुम्ही लोग विचार करो कि महान पुरुषों की आराधना सुखसाध्य नहीं होती | मैंने ऐसा सुना है कि महदाराधन में पहले महान कष्ट झेलना पड़ता है | पीछे भक्त की दृढ़ता देखकर इष्टदेव अवश्य प्रसन्न होते है |
परन्तु शिव तो समस्त गणों के अध्यक्ष तथा परमेश्वर हैं | ये तो आशुतोष ही ठहरे |
अत: पहले ‘ॐ’ का उच्चारण करके फिर ‘नम:’ का प्रयोग करे | फिर ‘शिवाय’ कहकर दो बार ‘शुभम’ का उच्चारण करे | उसके बाद दो बार ‘कुरु’ का प्रयोग करके फिर ‘शिवाय नम:’ ‘ॐ’ जोड़ दे |
[ ऐसा – ‘ॐ नम:शिवाय शुभं शुभं कुरु कुरु शिवाय नम: ॐ ‘ यह मन्त्र बनता है |]
शिव विशेष मंत्र
"ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरु कुरु शिवाय नम: ॐ"
"Om Namah Shivay Shubham Shubham Kuru Kuru Shivay Namah Om"
सरल तरीका - - सुबह या शाम स्नान के बाद यथासंभव सफेद वस्त्र पहन शिवालय में गाय के दूध मिले पवित्र जल में अक्षत, तिल व सफेद चंदन मिलाकर नीचे लिखें मंत्र से शिवलिंग पर जलधारा अर्पित कर ।
शिव की धूप, दीप, कर्पूर आरती कर कष्टों से छुटकारे या संकटमुक्त जीवन की कामना करें।
शिवलिंग पर चढ़ाए जल को चरणामृत रूप में ग्रहण करें व थोड़ा जल लाकर घर के हर कोने में छिड़कें। - इस मंत्र का रुद्राक्ष की माला से यथाशक्ति जप भी मनोरथसिद्धि करने वाला होता है।
भगवान शिव, महाकाल स्वरूप का स्मरण ही काल भय से छुटकारा देने वाला होता है। इनकी उपासना का फल मात्र काल या मृत्यु को टालने के लिये ही नही वल्कि शिव भक्ति काल यानी बुरे वक्त को भी अनुकूल बनाने वाली होती है।
जीवन में किसी भी रूप में आया दु:ख या संकट का समय मुश्किलों से भरा होता है। ऐसे ही बुरे वक्त, हालात या बदहाली से बचने के लिए शिव उपासना असरदार बताई गई है, क्योंकि शिव भक्ति का मूल भाव ही शुभ व कल्याण को अपनाना है। अच्छाई का संग मिलते ही बुराई का अंत होता है। ऐसे ही भावों से शिवपुराण में आए एक मंत्र का ध्यान मात्र ही हर संसारी जीव के लिए बड़ा ही संकटमोचक व मंगलकारी माना गया है। शिवपुराण के मुताबिक दानवी शक्तियों पर विजय व जगत कल्याण के भाव से देवताओं ने भी इस मंत्र से ही शिव की प्रसन्नता व कृपा पाई। शिव भक्ति की हर तिथियों या दिन जैसे सोमवार या प्रदोष तिथि पर तो इस आसान व अचूक शिव मंत्र का स्मरण पलों में दु:ख व दरिद्रता दूर करने वाला ही नहीं, बल्कि मनोका्मना भी फौरन पूरी करने वाला माना गया है। जानिए यह मंगलकरी व चमत्कारी शिव मंत्र व इसके ध्यान करे।
महेश्वर ने कहा – यह भुक्ति – मुक्ति का दाता, सम्पूर्ण कामनाओं का पूरक और शिवभक्तों के लिये आनंदप्रद है | यह स्वर्गकामी पुरुषों के लिये धन, यश और आयु की वृद्धि करनेवाला है | यह निष्काम के लिये मोक्ष तथा साधन करनेवाले पुरुषों के लिये भुक्ति – मुक्ति का साधक है | जो मनुष्य पवित्र होकर सदा इस मन्त्र क कीर्तन करता है, सुनता है अथवा दूसरे को सुनाता है, उसकी सारी अभिलाषाएँ पूर्ण हो जाती हैं।
हर हर महादेव ,ॐ नमः शिवाय।