सोमवार, 11 अप्रैल 2016

🍃🌷सूतक

🍃🌷सूतक🌷🍃
✅सूतक का सम्बन्ध “जन्म के” निम्मित से हुई अशुद्धि से है !
जन्म के अवसर पर जो नाल काटा जाता है और जन्म होने की प्रक्रिया में अन्य प्रकार की जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष/पाप के प्रायश्चित स्वरुप “सूतक” माना जाता है !
✅जन्म के बाद नवजात की पीढ़ियों को हुई अशुचिता :-
3 पीढ़ी तक – 10 दिन
4 पीढ़ी तक – 10 दिन
5 पीढ़ी तक – 6 दिन
ध्यान दें :- एक रसोई में भोजन करने वालों के पीढ़ी नहीं गिनी जाती … वहाँ पूरा 10 दिन का सूतक माना है !
✅प्रसूति (नवजात की माँ) को 45 दिन का सूतक रहता है !
✅प्रसूति स्थान 1 माह तक अशुद्ध है ! इसीलिए कई लोग जब भी अस्पताल से घर आते हैं तो स्नान करते हैं !
✅अपनी पुत्री :-
पीहर में जनै तो हमे 3 दिन का,
ससुराल में जन्म दे तो उन्हें 10 दिन का सूतक रहता है ! और हमे कोई सूतक नहीं रहता है !
✅नौकर-चाकर :-
अपने घर में जन्म दे तो 1 दिन का,
बाहर दे तो हमे कोई सूतक नहीं !
✅पालतू पशुओं का :-
घर के पालतू गाय, भैंस, घोड़ी, बकरी इत्यादि को घर में बच्चा होने पर हमे 1 दिन का सूतक रहता है !
किन्तु घर से दूर-बाहर जन्म होने पर कोई सूतक नहीं रहता !
✅बच्चा देने वाली गाय, भैंस और बकरी का दूध, क्रमशः 15 दिन, 10 दिन और 8 दिन तक “अभक्ष्य/अशुद्ध” रहता है !
🍃🌷पातक🌷🍃
पातक का सम्बन्ध “मरण के” निम्मित से हुई अशुद्धि से है !
✅मरण के अवसर पर दाह-संस्कार में इत्यादि में जो हिंसा होती है, उसमे लगने वाले दोष/पाप के प्रायश्चित स्वरुप “पातक” माना जाता है !
✅मरण के बाद हुई अशुचिता :-
3 पीढ़ी तक – 12 दिन
4 पीढ़ी तक – 10 दिन
5 पीढ़ी तक – 6 दिन
ध्यान दें :- जिस दिन दाह-संस्कार किया जाता है, उस दिन से पातक के दिनों की गणना होती है, न कि मृत्यु के दिन से !
✅यदि घर का कोई सदस्य बाहर/विदेश में है, तो जिस दिन उसे सूचना मिलती है, उस दिन से शेष दिनों तक उसके पातक लगता है !
अगर 12 दिन बाद सूचना मिले तो स्नान-मात्र करने से शुद्धि हो जाती है !
✅किसी स्त्री के यदि गर्भपात हुआ हो तो, जितने माह का गर्भ पतित हुआ, उतने ही दिन का पातक मानना चाहिए !
✅घर का कोई सदस्य मुनि-आर्यिका-तपस्वी बन गया हो तो, उसे घर में होने वाले जन्म-मरण का सूतक-पातक नहीं लगता है ! किन्तु स्वयं उसका ही मरण हो जाने पर उसके घर वालों को 1 दिन का पातक लगता है !
✅किसी अन्य की शवयात्रा में जाने वाले को 1 दिन का, मुर्दा छूने वाले को 3 दिन और मुर्दे को कन्धा देने वाले को 8 दिन की अशुद्धि जाननी चाहिए !
✅घर में कोई आत्मघात करले तो 6 महीने का पातक मानना चाहिए !
✅यदि कोई स्त्री अपने पति के मोह/निर्मोह से जल मरे, बालक पढाई में फेल होकर या कोई अपने ऊपर दोष देकर मरता है तो इनका पातक बारह पक्ष याने 6 महीने का होता है !
✅उसके अलावा भी कहा है कि :-
जिसके घर में इस प्रकार अपघात होता है, वहाँ छह महीने तक कोई बुद्धिमान मनुष्य भोजन अथवा जल भी ग्रहण नहीं करता है ! वह मंदिर नहीं जाता और ना ही उस घर का द्रव्य मंदिर जी में चढ़ाया जाता है ! (क्रियाकोष १३१९-१३२०)
✅अनाचारी स्त्री-पुरुष के हर समय ही पातक रहता है
ध्यान से पढ़िए :-
✅ सूतक-पातक की अवधि में “देव-शास्त्र-गुरु” का पूजन, प्रक्षाल, आहार आदि धार्मिक क्रियाएं वर्जित होती हैं !
इन दिनों में मंदिर के उपकरणों को स्पर्श करने का भी निषेध है !
यहाँ तक की गुल्लक में रुपया डालने का भी निषेध बताया है !
✅किन्तु :-
ये कहीं नहीं कहा कि सूतक-पातक में मंदिरजी जाना वर्जित है या मना है !
✅श्री जिनमंदिर जी में जाना, देव-दर्शन, प्रदिक्षणा, जो पहले से याद हैं वो विनती/स्तुति बोलना, भाव-पूजा करना, हाथ की अँगुलियों पर जाप देना जिनागम सम्मत है !
यह सूतक-पातक आर्ष-ग्रंथों से मान्य है !
✅कभी देखने में आया कि सूतक में किसी अन्य से जिनवाणी या पूजन की पुस्तक चौकी पर खुलवा कर रखवाली और स्वयं छू तो सकते नहीं तो उसमे फिर सींख, चूड़ी, बालों कि क्लिप या पेन से पृष्ठ पलट कर पढ़ने लगे … ये योग्य नहीं है !
कहीं कहीं लोग सूतक-पातक के दिनों में मंदिरजी ना जाकर इसकी समाप्ति के बाद मंदिरजी से गंधोदक लाकर शुद्धि के लिए घर-दुकान में छिड़कते हैं, ऐसा करके नियम से घोरंघोर पाप का बंध करते हैं !
इन्हे समझना इसलिए ज़रूरी है, ताकि अब आगे घर-परिवार में हुए जन्म-मरण के अवसरों पर अनजाने से भी कहीं दोष का उपार्जन न हो।

ज़मीन की नापजोख :-

ज़मीन की नापजोख :-
1: एक गज=3 फुट
2: एक फलॉग=220 गज
3: एक मील में 1760 गज,8फलॉग यानि 220*8=1760
4:एक कर्म=66इंच
5:-एक मर्ला=272 वर्ग फूट
6: कर्म का दूसरा नाम=सरसाही
7: एक मर्ला में=9 कर्म
8: एक कनाल में मर्ले=20
9: एक एकड़ मे मर्ले=160
10: एकड़ का दूसरा नाम=कीला
11: एक एकड़ में कनाल=8
12:एक एकड़ में कर्म=36*40=1440कर्म
13:एक कनाल में विसवासी=240
14:एक मर्ले मे बिसवासी=12
15:एक बिसवे मे बिसवासी=20
16:एक बीघे मे बिसवे=20
17:एक एकड़ मे बिसवे=96
18:एक एकड़ मे बीघे=4.8
19:एक कनाल में वर्ग मीटर=505*8385
20:एक एकड मे वर्ग मीटर=4046*7091
21:-एक बिलियन=एक अरब रुपये
22:एक फूट में =30.48 सैंटीमीटर
23: एक गज मे मीटर=0.9144
24:एक मीटर में इंच=39.3708
25:-एक मील में किलोमीटर=1.609
26:एक किलोमीटर मे=0.32137227 मील
27: एक वर्ग किलोमीटर मे=0391 वर्गमील
28:एक वर्ग मील में=2.59 वर्ग किलोमीटर
29:एक सैंटीमीटर=0.3937 इंच
30:एक मिलियन=10लाख रुपये
31:एक मीटरिक टन=10 किवंटल
32:-पक्का या शाहजहानी बीघा एक एकड़ का हिस्सा=5/8
33:कच्चा बीघा एक एकड़ का हिस्सा=5/24भाग
34: एक मीटर में इंच=39.3701
35: 99 इंच के कर्मों से जो बीघा बनता है उसे =पक्का या शाहजहानी बीघा कहते है
36:अगर एक कर्म 66इंच का है तो एक बिसवे मे=15 बिसवासी होगें
37:-20 बिसवासों का एक विसवा बनें इसके लिये एक कर्म=57/157 इंच का हो
38:बकदर का अर्थ=एक विस्वे के वर्ग फुट है
39:अनुपात हमेशा एक निरोल=राशि होती है
40:कर्म का दूसरा नाम=गट्ठा
41:जरीब बनी होती है=लोहे की नर्म कड़ियों से
42:-जरीब आमतौर पर कर्मों की होती है=10
43:-66 इंच कर्म वाली जरीब मे =8 कड़ियां होती है तथा इससे कम वाली इंच की जरीब में=7