शुक्रवार, 4 दिसंबर 2015

कुछ बातें भोजन से जुड़ीं

कुछ बातें भोजन से जुड़ीं
भोजन लेने के बाद हमारा व्यवहार कैसा हो, इस पर ध्यान रखें ये बातें-
* लंच के साथ या तुरंत बाद मठा में सेंधा नमक तथा जीरा डालकर पीने की आदत बनाएं। यह भोजन को शीघ्र पचाने में मदद करेगा। अतिरिक्त शक्ति मिलेगी।
* डिनर के साथ या बाद में गर्म दूध लेना आरंभ करें। यह पाचन क्रिया को तीव्र कर बल प्रदान करेगा।
* भोजन के बाद दुर्गन्धपूर्ण वातावरण में कभी न जाएं। न ही दुर्गन्धित भोजन या पदार्थ को सूंघे। भोजन के बाद जोर-जोर से हंसना भी मना है। वमन का भय होगा। -दिन के भोजन के बाद छोटी-सी 15-20 मिनट की नींद ले सकें तो अच्छा। रात्रि के भोजन के बाद सौ कदम चलने की सलाह दी जाती है। सुश्रुत ग्रंथ में आता है कि इसके बाद बायीं करवट ही सोना चाहिए।
* भाव प्रकाश के निर्देश में थोड़ी भिन्नता है। भोजन के बाद थोड़ा टहलना चाहिए, फिर सीधे लेटें। दस-ग्यारह गहरी सांसे लें, फिर दायीं करवट लेटें। 7-8 सांसे लें। तब बायीं करवट आ जाएं। अब भी 10 लम्बी सांसे लें, फिर सोने का प्रयत्न करें। ईश्वर में ध्यान लगाएं।
* बताया जाता है कि हमारी नाभि से ऊपर बायीं ओर अग्नि का स्थान है इसीलिए बायीं करवट लेटें। भोजन पचेगा।
* रात्रि का भोजन कर, बिना टहलने से मोटापा आता है। टहलने और लेटने के सही ढंग अपनाएं।
* जब हम सीधा सोते हैं तो शरीर को बल मिलता है व बायीं करवट लेटने से आयु में वृध्दि होती है।
* ऋषि हारीत के दर्शन के अनुसार भोजन के बाद जो किसी भी कारण से भागता है। वह मृत्यु को करीब बुलाता है। चलें जरूर मगर धैर्यपूर्वक।
* भोजन के बाद चीनी और सौफ या हल्का मीठा पान खाने से भोजन के प्रति रूचि बढ़ती है तथा यह जल्दी पचता है।
* भोजन के साथ या तुरंत बाद दूध पीना हितकर है। पान खाना भी किन्तु दूध के बाद पान न खाएं।
* भोजन के तुरंत बाद भारी, शारीरिक काम या कोई व्यायाम कभी न करें।
* थका हुआ, पसीने से लथपथ व्यक्ति तुरंत भोजन न करे। थोड़ा विश्राम कर लें, फिर भोजन करें, हाथ-पांच धोकर।

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