हवन द्वारा मनोकामना पूर्ती
1. लक्ष्मी के बीज मन्त्र ‘श्रीं’ के साथ प्रारंभ में प्रणव ‘ॐ’ और ;ह्रीं’ लगाकर ‘क्लीं’ और इसके बाद ‘फट स्वाहा’ यानी ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं फट स्वाहा’ मन्त्र से घी मिश्रित कमल या खीर से एक हजार हवन करता है; वह अतुल धन की प्राप्ति करता है। (आम की समिधा)
2. इसी मन्त्र के द्वारा गूलर की समिधा में जो पद्म बीजों से एक हजार हवन करता है; उसको कभी किसी से भय नहीं सताता और वह शत्रु पर विजय प्राप्त करता है।
3. दही मिश्रित चावल , तिल, जौ, गेंहू, ईंख से आम की समिधा में जो एक हजार हवन करता है; उसे भाग्य की दुर्गति से मुक्ति मिलती हैं।
4. दुर्जा जी के मन्त्रों से बेल के फल का हवन से (बेल की ही समिधा) धन की रक्षा होती है और धन की प्राप्ति होती है।
5. सरस्वती या तारा के मन्त्रों से चमेली के फूलों को इसी के तेल से मिश्रित करके हवन करने से अक्षय वाक्शक्ति प्राप्त होती है।
6. ब्राह्मी के रस से (4:1) पकाए घी को सरस्वती या तारा के मन्त्र से सिक्त करके प्रातः सायं पचने योग्य घी का पान करने से समरण शक्ति एवं वाक्शक्ति समृद्ध होती है।
7. प्रातःकाल बच के एक तोला (12 ग्राम) चूर्ण को सरवती – तारा के मंत्र से सिक्त करके खाकर ऊपर से दूध पीने वाले की स्मरण शक्ति अदभुत रूप से विकसित होती है।
8. अपामार्ग की समिधा में दुर्गा मन्त्रों से दूब एवं घी का हवन करने से स्वास्थय एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है। वहाँ बाहरी प्रकोप नहीं होते।
9. पलाश को घी से सिक्त करले आम की लकड़ी में गायत्री मन्त्र से हवन करता है; वह जीवन में सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।
10. कमर भर जल में ब्रह्म मुहूर्त में जो प्रतिदिन 108 गायत्री मंत्र का जप पूर्व दिशा की ओर मुख करके करता है; उसके पाप कटते हैं; दुःख दूर होता है
1. लक्ष्मी के बीज मन्त्र ‘श्रीं’ के साथ प्रारंभ में प्रणव ‘ॐ’ और ;ह्रीं’ लगाकर ‘क्लीं’ और इसके बाद ‘फट स्वाहा’ यानी ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं फट स्वाहा’ मन्त्र से घी मिश्रित कमल या खीर से एक हजार हवन करता है; वह अतुल धन की प्राप्ति करता है। (आम की समिधा)
2. इसी मन्त्र के द्वारा गूलर की समिधा में जो पद्म बीजों से एक हजार हवन करता है; उसको कभी किसी से भय नहीं सताता और वह शत्रु पर विजय प्राप्त करता है।
3. दही मिश्रित चावल , तिल, जौ, गेंहू, ईंख से आम की समिधा में जो एक हजार हवन करता है; उसे भाग्य की दुर्गति से मुक्ति मिलती हैं।
4. दुर्जा जी के मन्त्रों से बेल के फल का हवन से (बेल की ही समिधा) धन की रक्षा होती है और धन की प्राप्ति होती है।
5. सरस्वती या तारा के मन्त्रों से चमेली के फूलों को इसी के तेल से मिश्रित करके हवन करने से अक्षय वाक्शक्ति प्राप्त होती है।
6. ब्राह्मी के रस से (4:1) पकाए घी को सरस्वती या तारा के मन्त्र से सिक्त करके प्रातः सायं पचने योग्य घी का पान करने से समरण शक्ति एवं वाक्शक्ति समृद्ध होती है।
7. प्रातःकाल बच के एक तोला (12 ग्राम) चूर्ण को सरवती – तारा के मंत्र से सिक्त करके खाकर ऊपर से दूध पीने वाले की स्मरण शक्ति अदभुत रूप से विकसित होती है।
8. अपामार्ग की समिधा में दुर्गा मन्त्रों से दूब एवं घी का हवन करने से स्वास्थय एवं आरोग्य की प्राप्ति होती है। वहाँ बाहरी प्रकोप नहीं होते।
9. पलाश को घी से सिक्त करले आम की लकड़ी में गायत्री मन्त्र से हवन करता है; वह जीवन में सभी भौतिक सुखों को प्राप्त करता है।
10. कमर भर जल में ब्रह्म मुहूर्त में जो प्रतिदिन 108 गायत्री मंत्र का जप पूर्व दिशा की ओर मुख करके करता है; उसके पाप कटते हैं; दुःख दूर होता है
Nice blog thanks for sharing
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