मंगलवार, 30 जून 2015

--शनि का आचुक उपाय

-----शनि का आचुक उपाय ।।।। तेल लगाओ
तेल मालिश और अभ्यंग स्नान तेल लगाना
शरीर पर कैसे और कब तेल को लगाया जाय
–----तेल का खेल ----------
|| नित्यमभ्यन्गके चैव वासितं वा न दूषितं |
जो प्राणी प्रतिदिन तेल लगाता हो
उसे किसी भी दिन तेल लगाना दूषित नही होता है ||
जो तेल सुगन्धित इत्र आदि से वासित हो ; ऐसे तेल को लगना भी किसी भी दिन दूषित नही होता है ||
परन्तु
श्राद्घे च ग्रहणे चैवोपवासे प्रतिपद्दिने |
अथवा सार्षपं तैलं न दुष्येद ग्रहण विना ||
सरसो का तेल ग्रहण काल को छोड कर अन्य किसी भी दिन दूषित नही होता है ||
पद्य और वामनपुराण के अनुसार
रविवार मंगलवार गुरुवार और शुक्रवार को तेल नही लगाना चाहिए ||
हिंदी तिथि के अनुसार
प्रतिपदा षष्ठी अष्टमी एकादशी चतुर्दशी पूर्णिमा और अमावस्या क्व दिन तेल नही लगाना चाहिये ||
जबकि धर्मसिन्धु के अनुसार
रविवार को पुष्प
मंगलवार को मिटटी
गुरूवार को दुर्वा
शुक्रवार को गोमय डाल कर तेल लगाने से दोष नही लगता ||
कुर्म-पद्य-नारद पुराणो के अनुसार
|| शिरोSभ्यन्गावशिष्टेन तैलेनांग न लेपयेत ||
सिर पर तेल लगाने से हथेली पर बचे हुए तेल को शरीर के किसी अन्य अंगो पर नही लगाना चाहिये |
शास्त्रों के अनुसार
रविवार को लगाने से क्लेश
सोमवार को कान्ति
मंगलवार को व्याधि
बुधवार को सौभाग्य
गुरूवार को निर्धनता
शुक्रवार को हानि
शनिवार को सर्वसमृद्घी की प्राप्ति होती है ||

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