मंगल का स्वरूप
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मित्रों ज्योतिष में मंगल को हमारे शरीर में खून और मज्जा का कारक माना गया है ये एक ऐसा ग्रह है जो जब हमारे पास कुछ भी न हो तब भी हमे मनोबल देता है | हमारे साहस का ये कारक माना गया है | ये जोश का कारक ग्रह है इसिलिय इसे लड़ाई झगड़े का कारक ग्रह माना गया है क्योंकि जब तक ये जोश पैदा न करे लड़ाई झगड़ा नही हो सकता \ कुंडली में अच्छी सिथ्ती का मंगल हमे सेना पुलिस डॉक्टर छेत्र इन्जिनियेर छेत्र में जाने के सुनहरे अवसर प्रदान करता है तो वंही अशुभ मंगल होने पर जातक लुट मार पिट करने लग जता है और अपने साहस बल का प्रयोग गल तरीके से करने लग जाता है | इसका कारण ये भी है जब मंगल अशुभ हो तो जातक राहू हावी होने लग जता है उसका कारण ये भी है की लाल किताबा में मंगल को राहू पर काबी पाने वाला ग्रह माना गया है और ऐसे में जब मंगल खुद ही खराब हो जाए तो जातक राहू रूपी शराब का सेवन करने लग जाता है , जातक पर स्त्री के चक्कर में भी पड़ जाता है ऐसे में पुरुष जातक को उसकी पत्नी तो स्त्री जातक को उसका पति भी तंग करना सुरु कर देता है |
मंगल जब भी बुद्ध के साथ हो या फिर कुंडली में सूर्य शनी एकसाथ हो तो या नीच राशि में हो तो मंगल खराब बन जाता है ऐसे में यदि जातक को कोई उंचा पद मिल जाए तो वो उस पद का भी दुरूपयोग करने लग जाता है और राहू की चालाकी जूठ फरेब दोखा आदि जातक की सिफत बन जाती है | खराब मंगल वाला जातक अक्सर हथियार के बल पर लोगों का लुटने का कार्य भी करने लग जाता है|
हमारे दैनिक जीवन में मंगल का शुभ होना बहुत आवश्यक है क्योंकि किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य मंगल के बिना सफल नही हो सकते | जिन लोगो की कुंडली में मंगल खराब होता है उनके घर में अक्सर किसी मांगलिक कार्य के बाद कोई अनहोनी या खुसी को दुःख में बदलने वाली घटना घट जाती है | जैसे की आपकी नोकरी लगी आपको बहुत ख़ुशी हुई लेकिन कुछ समय बाद खबर मिलती है की पोस्टिंग छेत्र ऐसा है जिसमे कोई जाना भी पसंद नही करता तो आपकी ख़ुशी काफूर हो जाती है | इसी प्रकार आपको कोई धन लाभ मिलता है लेकिन कोई ऐसी समस्या a खड़ी हो जाती है की आपका पूरा पैसा खर्च हो जाता है \ घर में कोई शादी या मांगलिक कार्य होता है लेकिन उसी समय के दौरान किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है | दुसरे शब्दों में कहे की आप ख़ुशी का मांगलिक कार्यों का पूर्ण आनन्द नही ले पाते है | पति पत्नी के झगड़े जीवन में नित्य का विषय बन जाते है | तो येमंगल खराब होने के लक्ष्ण होते है \
वर्तमान समय में हम देखें तो मंगल मौत की राशि विर्श्चिक में चल रहे है \ हालाँकि इस राशि के स्वामी खुद मंगल ही राशि है लेकिन कालपुरुष की कुंडली में अस्ठ्म भाव में इस राशि के होने से खुद मंगल के शुभ फल इसमें कम हीओ माने गये है | आप देखें की जब से मंगल इस राशि में आये है जहां मौत के कारण शनी देव पहले से विराजमान थे तब से संसार में आतंकवाद के घटनाए ज्यादा बढ़ गई है जगह जगह युद्ध के हालत बन गये है | यदि आपका जन्म मेष मिथुन तुला लग्न में हुआ है तो ये समय आपके स्वास्थ्य के लिय भी अच्छा नही है , यदि आपकी दशा भी किसी अच्छे ग्रह की नही चल्र ही है तो वर्तमान समय में आपको बहुत सी समस्यों का सामना वर्तमान में करना पड़ रहा है | जिनकी भी कुंडली में मंगल मुख्य कारक ग्रह है उन्हें भी जीवन के विभिन्न छेत्रों में समस्या का सामना करना पड़ रहा है जैसे की कर्क लग्न वालों के कार्य भी वर्तमान समय में बहुत ज्यादा पप्रभाव इस समय के दौरान पड़ा है \ मित्रों आंशिक रूप से मंगल पर कुछ लिखने की कोसिस की है \ हालाँकि हम सभी जानते है की हमे कुंडली के सभी ग्रह प्रभावित करते है इसिलिय हम किसी एक ग्रह के आधार पर अंतिम निष्कर्ष पर नही पहुँच सकते |समय समय पर आगे भी इसके उपर लिखता रहूँगा
यदि आपको मंगल जनित अशुभ फल मिल रहे है तो आप चन्द्र की सहायता से उसके अशुभ फलों में कमी कर सकते है \
जय श्री राम
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मित्रों ज्योतिष में मंगल को हमारे शरीर में खून और मज्जा का कारक माना गया है ये एक ऐसा ग्रह है जो जब हमारे पास कुछ भी न हो तब भी हमे मनोबल देता है | हमारे साहस का ये कारक माना गया है | ये जोश का कारक ग्रह है इसिलिय इसे लड़ाई झगड़े का कारक ग्रह माना गया है क्योंकि जब तक ये जोश पैदा न करे लड़ाई झगड़ा नही हो सकता \ कुंडली में अच्छी सिथ्ती का मंगल हमे सेना पुलिस डॉक्टर छेत्र इन्जिनियेर छेत्र में जाने के सुनहरे अवसर प्रदान करता है तो वंही अशुभ मंगल होने पर जातक लुट मार पिट करने लग जता है और अपने साहस बल का प्रयोग गल तरीके से करने लग जाता है | इसका कारण ये भी है जब मंगल अशुभ हो तो जातक राहू हावी होने लग जता है उसका कारण ये भी है की लाल किताबा में मंगल को राहू पर काबी पाने वाला ग्रह माना गया है और ऐसे में जब मंगल खुद ही खराब हो जाए तो जातक राहू रूपी शराब का सेवन करने लग जाता है , जातक पर स्त्री के चक्कर में भी पड़ जाता है ऐसे में पुरुष जातक को उसकी पत्नी तो स्त्री जातक को उसका पति भी तंग करना सुरु कर देता है |
मंगल जब भी बुद्ध के साथ हो या फिर कुंडली में सूर्य शनी एकसाथ हो तो या नीच राशि में हो तो मंगल खराब बन जाता है ऐसे में यदि जातक को कोई उंचा पद मिल जाए तो वो उस पद का भी दुरूपयोग करने लग जाता है और राहू की चालाकी जूठ फरेब दोखा आदि जातक की सिफत बन जाती है | खराब मंगल वाला जातक अक्सर हथियार के बल पर लोगों का लुटने का कार्य भी करने लग जाता है|
हमारे दैनिक जीवन में मंगल का शुभ होना बहुत आवश्यक है क्योंकि किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य मंगल के बिना सफल नही हो सकते | जिन लोगो की कुंडली में मंगल खराब होता है उनके घर में अक्सर किसी मांगलिक कार्य के बाद कोई अनहोनी या खुसी को दुःख में बदलने वाली घटना घट जाती है | जैसे की आपकी नोकरी लगी आपको बहुत ख़ुशी हुई लेकिन कुछ समय बाद खबर मिलती है की पोस्टिंग छेत्र ऐसा है जिसमे कोई जाना भी पसंद नही करता तो आपकी ख़ुशी काफूर हो जाती है | इसी प्रकार आपको कोई धन लाभ मिलता है लेकिन कोई ऐसी समस्या a खड़ी हो जाती है की आपका पूरा पैसा खर्च हो जाता है \ घर में कोई शादी या मांगलिक कार्य होता है लेकिन उसी समय के दौरान किसी प्रियजन की मृत्यु हो जाती है | दुसरे शब्दों में कहे की आप ख़ुशी का मांगलिक कार्यों का पूर्ण आनन्द नही ले पाते है | पति पत्नी के झगड़े जीवन में नित्य का विषय बन जाते है | तो येमंगल खराब होने के लक्ष्ण होते है \
वर्तमान समय में हम देखें तो मंगल मौत की राशि विर्श्चिक में चल रहे है \ हालाँकि इस राशि के स्वामी खुद मंगल ही राशि है लेकिन कालपुरुष की कुंडली में अस्ठ्म भाव में इस राशि के होने से खुद मंगल के शुभ फल इसमें कम हीओ माने गये है | आप देखें की जब से मंगल इस राशि में आये है जहां मौत के कारण शनी देव पहले से विराजमान थे तब से संसार में आतंकवाद के घटनाए ज्यादा बढ़ गई है जगह जगह युद्ध के हालत बन गये है | यदि आपका जन्म मेष मिथुन तुला लग्न में हुआ है तो ये समय आपके स्वास्थ्य के लिय भी अच्छा नही है , यदि आपकी दशा भी किसी अच्छे ग्रह की नही चल्र ही है तो वर्तमान समय में आपको बहुत सी समस्यों का सामना वर्तमान में करना पड़ रहा है | जिनकी भी कुंडली में मंगल मुख्य कारक ग्रह है उन्हें भी जीवन के विभिन्न छेत्रों में समस्या का सामना करना पड़ रहा है जैसे की कर्क लग्न वालों के कार्य भी वर्तमान समय में बहुत ज्यादा पप्रभाव इस समय के दौरान पड़ा है \ मित्रों आंशिक रूप से मंगल पर कुछ लिखने की कोसिस की है \ हालाँकि हम सभी जानते है की हमे कुंडली के सभी ग्रह प्रभावित करते है इसिलिय हम किसी एक ग्रह के आधार पर अंतिम निष्कर्ष पर नही पहुँच सकते |समय समय पर आगे भी इसके उपर लिखता रहूँगा
यदि आपको मंगल जनित अशुभ फल मिल रहे है तो आप चन्द्र की सहायता से उसके अशुभ फलों में कमी कर सकते है \
जय श्री राम
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