हिंदू नववर्ष की शुभकामनाएं ( भाग 3 ) #सूर्य_की_संक्रांति_ और #ऋतु का निर्धारण
ज्योतिष में 12 राशियाँ होती हैं। सूर्य इनमें से हरेक राशि पर लगभग 1 महीने रहते हैं और फिर दूसरी राशि पर चले जाते हैं। सूर्य का एक से दूसरी राशि में संक्रमण करने को सूर्य की संक्रांति कहा जाता है।
सूर्य 14 या 15 जनवरी को धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए उस दिन को मकर संक्रांति कहा जाता है।
सूर्य की राशि प्रवेश को याद रखना भी बड़ा आसान है। इसे मोटा-मोटा इस तरह समझिए। इसके लिए आपको एक सूत्र ध्यान रखना है। वो सूत्र है












इसका एक बड़ा महत्वपूर्ण उपयोग #ऋतु_निर्धारित करने में भी होता है। आपको पता है कि अपने यहाँ छह ऋतुएं हैं :- वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शिशिर।
सूर्य जब मीन और मेष राशि में हों #वसंत
सूर्य जब वृष और मिथुन में हों तो #ग्रीष्म
सूर्य जब कर्क और सिंह में हो तो #वर्षा
सूर्य जब कन्या और तुला में हों तो #शरद
सूर्य जब वृश्चिक और धनु में हो तो #हेमंत
सूर्य जब मकर और कुंभ में हों तो #शिशिर
पहले लोगों के नाम रखने का आधार भी होता था। सूर्य जब धनु राशि में संचार करते हैं तो उसे #खर_मास कहा जाता है, इसमें सारे शुभ काम वर्जित हो जाते हैं।
-अभिजीत, चैत्र कृष्ण चतुर्दशी, वसंत ऋतु, शक सम्वत-1942, कलि संवत-5122, विक्रम संवत-2077 तदनुसार आंग्ल तिथि 11 अप्रैल, 2021 दिन-रविवार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें