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• इंडियन वैल्यूज अपनाइये, किडनी को बचाइये -
आप जानते ही हैं कि पूरे संसार में कैंसर और दिल की बीमारी के बाद किडनी की खराबी तीसरी सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी बनती जा रही है.
दी नेशनल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के एक अध्ययन के अनुसार हमारे देश में भी किडनी की बीमारी के मरीज काफी तेजी से बढ़ रहे हैं.
दोनों किडनी ख़राब होने के कारण हर साल भारत में लगभग एक लाख किडनी ट्रांसप्लांट करने की जरुरत पड़ रही है.
कई शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था में दवाइयों के अत्यधिक प्रयोग से कोख में ही शिशुओं की किडनी फेल हो रही है.
आखिर इतनी ज्यादा मात्रा में किडनी फ़ैल क्यों हो रही हैं?
क्या कोई ऐसा उपाय हो सकता है कि हमारी किडनी कभी भी खराब ही न हो?
आप सभी जानते ही हैं कि अधिकांश लोगों को अधिकतर एलोपथिक दवाइयां पूरी तरह पचती नहीं है, जिसके कारण हमारी किडनी को बची हुई दवाइयों को बाहर निकलने में अत्यधिक परेशानी आती है. यही कारण है कि आज बहुत से लोगों की किडनी जल्द ही ख़राब हो जाती है, जबकि भगवान ने एक किडनी की ही जरुरत होने पर भी हमें दो किडनी दी हैं, जबकि शरीर के अधिकाँश आंतरिक अंग एक ही बनाएं हैं.
सच्चाई यह है कि शरीर की एक्सरसाइज की तरह ही हमारी किडनी की भी एक्सरसाइज करना बहुत जरुरी होता है, ताकि वह अपने निम्न कार्य सुचारू रूप से कर सके –
1. शरीर की शुद्धि का कार्य,
2. शरीर में जल स्तर बनाये रखने का कार्य
3. ब्लड प्रेशर मेंटेन करने के लिए हारमोन उत्पादन का कार्य
4. शरीर से विजातीय और गैर जरुरी तत्वों को बाहर निकालने का कार्य.
हमारे स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए ये सब कार्य अत्यंत जरुरी हैं, लेकिन हमारी किडनी की उचित देखभाल का कार्य हमारी इंडियन वैल्यूज के संस्कार कर हमें नीरोगी रखते थे.
लेकिन आज की आधुनिकता में हम अपने संस्कारों को भूल गये हैं. हमारे इन संस्कारों से ही अपने आप किडनी की एक्सरसाइज होती रहती थी. जिन घरों में आज भी ये संस्कार निभाये जाते हैं, उन घरों में आज भी किडनी की समस्या नहीं रहती है.
अतः हमारा प्रयत्न यह होना चाहिए कि हमारे परिवार में किसी को भी किडनी ट्रांसप्लांट करने की जरुरत नहीं पड़े.
हमारे विश्व प्रसिद्ध ये भारतीय संस्कार जिनसे किडनी में संकुचन होता है और उसकी एक्सरसाइज होती है; वे इस तरह के होते हैं -
1. हमारे माँ-बाप, सभी बड़ो को, बुजुर्गों को सुबह उठते समय और रात को सोते समय झुक कर नमस्कार करना या घुटनों के बल धोक देने की परम्परा.
2. सुबह-शाम मंदिर में जाकर घुटनों के बल झुक कर भगवान को नमस्कार करने की भावना
3. हमारी प्राचीन जमीन पर बैठकर भोजन करने की परम्परा भूल को भूल कर अब हम डाइनिंग टेबल कुर्सी पर भोजन कर रहे हैं.
4. फ्रेश होने के लिए अब हम टॉयलेट में घुटनों के बल इंडियन सीट पर नहीं बैठते हैं.
5. बैठ कर बाथरूम करने से भी किडनी में संकुचन होता है, जिससे उसकी एक्सरसाइज होती है.
6. पहले हमारे घर की महिलायें किचन में बैठ कर खाना बनाती थी, लेकिन अब खड़े होकर रसोई बनती है.
7. अधिकाँश योग के आसनों से भी किडनी में संकुचन होता है, जिससे उसकी एक्सरसाइज होती है.
8. आपको पता ही है कि हमारे मुस्लिम भाइयों में रोज नमाज़ अदा करने की परम्परा है. इसमें की जाने वाली सभी मुद्राओं से भी किडनी में संकुचन होता है, जिससे उसकी एक्सरसाइज होती है. इसलिए उनमें नमाज़ को पांच बार अदा करने की परम्परा सदियों पूर्व से स्थापित की गयी है. उनका बैठने का तरीका भी योग का वज्रासन ही है. इससे भी पाचन और किडनी की प्रणाली को सुचारू रखने में मदद मिलती है.
9. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना और शाकाहारी भोजन से भी किडनी को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है.
10. शराब पीना व धूम्रपान या तम्बाखू खाने से किडनी पर बहुत बुरा असर होता है.ते हों, तो इन्हें बंद करें.
11. कोल्ड ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक का प्रयोग बंद कर दें.
12. खाने में नमक कम करें या सिर्फ सेंधा नमक का ही प्रयोग करें.
13. ताजे फल-सब्जी का प्रयोग ज्यादा करें.
14. मोटापा और ज्यादा वजन न बढ़ने दें.
15. रक्तचाप और केलोस्ट्रोल को नियंत्रण में रखें.
16. किसी भी तरह की बीमारी में दर्द या एलर्जी की दवाइयों का प्रयोग न करें.
17. किसी भी बीमारी के उपचार के लिए एलोपैथी या आयुर्वेदिक कम्पनी की दवाई को लम्बे समय तक लेने से भी किडनी हर हाल में सबसे पहले डेमेज होती है.
अगर आप किसी भी तरह को किडनी की बीमारी से बचना चाहते हैं, या अपनी खराब हो रही किडनी को बचाना चाहते हैं, तो उपरोक्त इंडियन वैल्यूज को अपनाएं और स्वस्थ रहें.
किडनी की हो रही किसी भी बीमारी में निम्न उपचार करें -
1. सल्फर 200 को सुबह 7 बजे, दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को आठ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 94 की दो गोली दिन में चार बार लें.
3. HSL कम्पनी की DROX 26 की 20 बूँद आधा कप पानी से दिन में चार बार लें.
4. या फिर WHEEZAL कम्पनी की RENAL FORTE की 20 बूँद आधा कप पानी से दिन में चार से पांच बार लें.
5. साथ ही फेरम फास 6X, केलकेरिया फास 6X, काली फास 6X, काली म्यूर 6X, नेट्रम म्यूर 6X इन सभी की एक-एक गोली की पुडिया बना कर रख लें और फिर एक पुडिया दिन में चार बार लें.
दी नेशनल फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के एक अध्ययन के अनुसार हमारे देश में भी किडनी की बीमारी के मरीज काफी तेजी से बढ़ रहे हैं.
दोनों किडनी ख़राब होने के कारण हर साल भारत में लगभग एक लाख किडनी ट्रांसप्लांट करने की जरुरत पड़ रही है.
कई शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था में दवाइयों के अत्यधिक प्रयोग से कोख में ही शिशुओं की किडनी फेल हो रही है.
आखिर इतनी ज्यादा मात्रा में किडनी फ़ैल क्यों हो रही हैं?
क्या कोई ऐसा उपाय हो सकता है कि हमारी किडनी कभी भी खराब ही न हो?
आप सभी जानते ही हैं कि अधिकांश लोगों को अधिकतर एलोपथिक दवाइयां पूरी तरह पचती नहीं है, जिसके कारण हमारी किडनी को बची हुई दवाइयों को बाहर निकलने में अत्यधिक परेशानी आती है. यही कारण है कि आज बहुत से लोगों की किडनी जल्द ही ख़राब हो जाती है, जबकि भगवान ने एक किडनी की ही जरुरत होने पर भी हमें दो किडनी दी हैं, जबकि शरीर के अधिकाँश आंतरिक अंग एक ही बनाएं हैं.
सच्चाई यह है कि शरीर की एक्सरसाइज की तरह ही हमारी किडनी की भी एक्सरसाइज करना बहुत जरुरी होता है, ताकि वह अपने निम्न कार्य सुचारू रूप से कर सके –
1. शरीर की शुद्धि का कार्य,
2. शरीर में जल स्तर बनाये रखने का कार्य
3. ब्लड प्रेशर मेंटेन करने के लिए हारमोन उत्पादन का कार्य
4. शरीर से विजातीय और गैर जरुरी तत्वों को बाहर निकालने का कार्य.
हमारे स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए ये सब कार्य अत्यंत जरुरी हैं, लेकिन हमारी किडनी की उचित देखभाल का कार्य हमारी इंडियन वैल्यूज के संस्कार कर हमें नीरोगी रखते थे.
लेकिन आज की आधुनिकता में हम अपने संस्कारों को भूल गये हैं. हमारे इन संस्कारों से ही अपने आप किडनी की एक्सरसाइज होती रहती थी. जिन घरों में आज भी ये संस्कार निभाये जाते हैं, उन घरों में आज भी किडनी की समस्या नहीं रहती है.
अतः हमारा प्रयत्न यह होना चाहिए कि हमारे परिवार में किसी को भी किडनी ट्रांसप्लांट करने की जरुरत नहीं पड़े.
हमारे विश्व प्रसिद्ध ये भारतीय संस्कार जिनसे किडनी में संकुचन होता है और उसकी एक्सरसाइज होती है; वे इस तरह के होते हैं -
1. हमारे माँ-बाप, सभी बड़ो को, बुजुर्गों को सुबह उठते समय और रात को सोते समय झुक कर नमस्कार करना या घुटनों के बल धोक देने की परम्परा.
2. सुबह-शाम मंदिर में जाकर घुटनों के बल झुक कर भगवान को नमस्कार करने की भावना
3. हमारी प्राचीन जमीन पर बैठकर भोजन करने की परम्परा भूल को भूल कर अब हम डाइनिंग टेबल कुर्सी पर भोजन कर रहे हैं.
4. फ्रेश होने के लिए अब हम टॉयलेट में घुटनों के बल इंडियन सीट पर नहीं बैठते हैं.
5. बैठ कर बाथरूम करने से भी किडनी में संकुचन होता है, जिससे उसकी एक्सरसाइज होती है.
6. पहले हमारे घर की महिलायें किचन में बैठ कर खाना बनाती थी, लेकिन अब खड़े होकर रसोई बनती है.
7. अधिकाँश योग के आसनों से भी किडनी में संकुचन होता है, जिससे उसकी एक्सरसाइज होती है.
8. आपको पता ही है कि हमारे मुस्लिम भाइयों में रोज नमाज़ अदा करने की परम्परा है. इसमें की जाने वाली सभी मुद्राओं से भी किडनी में संकुचन होता है, जिससे उसकी एक्सरसाइज होती है. इसलिए उनमें नमाज़ को पांच बार अदा करने की परम्परा सदियों पूर्व से स्थापित की गयी है. उनका बैठने का तरीका भी योग का वज्रासन ही है. इससे भी पाचन और किडनी की प्रणाली को सुचारू रखने में मदद मिलती है.
9. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना और शाकाहारी भोजन से भी किडनी को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है.
10. शराब पीना व धूम्रपान या तम्बाखू खाने से किडनी पर बहुत बुरा असर होता है.ते हों, तो इन्हें बंद करें.
11. कोल्ड ड्रिंक और एनर्जी ड्रिंक का प्रयोग बंद कर दें.
12. खाने में नमक कम करें या सिर्फ सेंधा नमक का ही प्रयोग करें.
13. ताजे फल-सब्जी का प्रयोग ज्यादा करें.
14. मोटापा और ज्यादा वजन न बढ़ने दें.
15. रक्तचाप और केलोस्ट्रोल को नियंत्रण में रखें.
16. किसी भी तरह की बीमारी में दर्द या एलर्जी की दवाइयों का प्रयोग न करें.
17. किसी भी बीमारी के उपचार के लिए एलोपैथी या आयुर्वेदिक कम्पनी की दवाई को लम्बे समय तक लेने से भी किडनी हर हाल में सबसे पहले डेमेज होती है.
अगर आप किसी भी तरह को किडनी की बीमारी से बचना चाहते हैं, या अपनी खराब हो रही किडनी को बचाना चाहते हैं, तो उपरोक्त इंडियन वैल्यूज को अपनाएं और स्वस्थ रहें.
किडनी की हो रही किसी भी बीमारी में निम्न उपचार करें -
1. सल्फर 200 को सुबह 7 बजे, दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को आठ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 94 की दो गोली दिन में चार बार लें.
3. HSL कम्पनी की DROX 26 की 20 बूँद आधा कप पानी से दिन में चार बार लें.
4. या फिर WHEEZAL कम्पनी की RENAL FORTE की 20 बूँद आधा कप पानी से दिन में चार से पांच बार लें.
5. साथ ही फेरम फास 6X, केलकेरिया फास 6X, काली फास 6X, काली म्यूर 6X, नेट्रम म्यूर 6X इन सभी की एक-एक गोली की पुडिया बना कर रख लें और फिर एक पुडिया दिन में चार बार लें.
• शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग –
हमेशा स्वस्थ रहने के लिए कोई भी व्यक्ति या परिवार अगर निम्न उपचार द्वारा अपने शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करता है और खान-पान तथा एक्सरसाइज भी निम्न अनुसार लेता है, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि कोई भी गंभीर बीमारी नहीं होगी और वह आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेगा -
1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके सल्फर 200 को, फिर दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें.
3. अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स या HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 67 की एक या आधी गोली रोज रात एक सफ्ताह तक 9.30 बजे लें. इसके बाद हर व्यक्ति को चाहिए कि वह इसे हर हफ्ते एक या आधी गोली रात्रि 9.30 बजे ले.
4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें.
6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें.
7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें.
8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें.
10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये.
12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें.
13. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे।
14. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं।
15. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें.
16. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें.
17. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
18. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
19. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
20. अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
21. अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
22. अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी.
23. मेरी स्वस्थ रहे, स्वस्थ करें, मुक्तियाँ और अन्य कई पुस्तकों को मेरे Samadhan समाधान ग्रुप से निशुल्क डाउन लोड करें. आप चाहे तो अपना email address मेरे मेसेज बाक्स में दे दे, तो मैं आपको डायरेक्ट मेल कर दूंगा.
24. होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
25. किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
26. होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
27. हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
28. हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें.
29. इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
30. मेरी सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी, लोक कल्याण, मानवाधिकार और आध्यात्मिक पोस्ट और पुस्तकों को देखने और उन्हें डाउनलोड करने के लिए आप मेरे ग्रुप “HEALTH CARE स्वस्थ रहो, स्वस्थ करो” और “Samadhan समाधान” से जुड़ सकते हैं और अपने दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं.
1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके सल्फर 200 को, फिर दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें.
3. अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स या HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 67 की एक या आधी गोली रोज रात एक सफ्ताह तक 9.30 बजे लें. इसके बाद हर व्यक्ति को चाहिए कि वह इसे हर हफ्ते एक या आधी गोली रात्रि 9.30 बजे ले.
4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें.
6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें.
7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें.
8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें.
10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये.
12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें.
13. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे।
14. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं।
15. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें.
16. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें.
17. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
18. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
19. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
20. अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
21. अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
22. अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी.
23. मेरी स्वस्थ रहे, स्वस्थ करें, मुक्तियाँ और अन्य कई पुस्तकों को मेरे Samadhan समाधान ग्रुप से निशुल्क डाउन लोड करें. आप चाहे तो अपना email address मेरे मेसेज बाक्स में दे दे, तो मैं आपको डायरेक्ट मेल कर दूंगा.
24. होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
25. किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
26. होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
27. हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
28. हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें.
29. इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
30. मेरी सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी, लोक कल्याण, मानवाधिकार और आध्यात्मिक पोस्ट और पुस्तकों को देखने और उन्हें डाउनलोड करने के लिए आप मेरे ग्रुप “HEALTH CARE स्वस्थ रहो, स्वस्थ करो” और “Samadhan समाधान” से जुड़ सकते हैं और अपने दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं.
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