****शरीर से जानिये कुछ बाते ***
1. अगर यदि आप कि जबान आपके नाक को छूति है तो व्यक्ति स्पष्टवादी होता है । तथा एक उच्च कोटी का साधक बन सकता है ।
2. अगर यदि आपके हाथ खडे होने पर आपके घुटनों तक पहुँचते है तो निश्चित रूप से व्यक्ति जीवन में राज करता है ।
3. अगर यदि आपके मुँह में पूरे 32 दाँत है तो आपका पूरा जीवन आराम से कट जायेगा । विषम संख्या में दाँत होने पर आपको बहुत कष्टों का सामना करना पडेगा ।
4.जिस स्त्री के शरीर पर पुरूषों के समान बाल हो, या दाढी या मूँछ आती हो तो वह जीवन में विधवा अवश्य होती है ।
5.अगर यदि आपके अँगुठे के पीछे बाल हो तो आपकि बुद्धि तीव्र है ।
6.जिस व्यक्ति कि आँखों कि पलके बहुत जल्दी जल्दी झपकती हो, उस पर भूलकर भी विश्वास नहीं करे ।
7.पुरूषों के शरीर पर दाँये भाग में तिल शुभ होते है, तथा स्त्रियों के शरीर पर बाँये भाग में शुभ होते है ।
8.स्त्रियों कि कमर 24 अंगुल कि बहुत शुभ मानी जाती है ।
9.अगर यदि आपकि नाक तोते के समान है, तो आप लखपति जरूर बनेंगे ।
10. जिस पुरूष या स्त्री कि भौंहों पर बाल बहुत कम हो या नहीं हो, वो चापलूस, स्वार्थी तथा दब्बु प्रवृति के होते है ।
11. अगर यदि आप आवश्यकता से अधिक पानी बर्बाद करते है, या फालतु बहाते है, तो आपके परिवार कि सुख शान्ती भी उसी पानी के साथ बह जाती है तथा जीवन में धन का अभाव होता है, यह 100% सत्य बात है । अगर यदि आप व्यर्थ बहते हुये पानी को बचाते है तो आपको शुभ परिणाम मिलेंगे ।
1. अगर यदि आप कि जबान आपके नाक को छूति है तो व्यक्ति स्पष्टवादी होता है । तथा एक उच्च कोटी का साधक बन सकता है ।
2. अगर यदि आपके हाथ खडे होने पर आपके घुटनों तक पहुँचते है तो निश्चित रूप से व्यक्ति जीवन में राज करता है ।
3. अगर यदि आपके मुँह में पूरे 32 दाँत है तो आपका पूरा जीवन आराम से कट जायेगा । विषम संख्या में दाँत होने पर आपको बहुत कष्टों का सामना करना पडेगा ।
4.जिस स्त्री के शरीर पर पुरूषों के समान बाल हो, या दाढी या मूँछ आती हो तो वह जीवन में विधवा अवश्य होती है ।
5.अगर यदि आपके अँगुठे के पीछे बाल हो तो आपकि बुद्धि तीव्र है ।
6.जिस व्यक्ति कि आँखों कि पलके बहुत जल्दी जल्दी झपकती हो, उस पर भूलकर भी विश्वास नहीं करे ।
7.पुरूषों के शरीर पर दाँये भाग में तिल शुभ होते है, तथा स्त्रियों के शरीर पर बाँये भाग में शुभ होते है ।
8.स्त्रियों कि कमर 24 अंगुल कि बहुत शुभ मानी जाती है ।
9.अगर यदि आपकि नाक तोते के समान है, तो आप लखपति जरूर बनेंगे ।
10. जिस पुरूष या स्त्री कि भौंहों पर बाल बहुत कम हो या नहीं हो, वो चापलूस, स्वार्थी तथा दब्बु प्रवृति के होते है ।
11. अगर यदि आप आवश्यकता से अधिक पानी बर्बाद करते है, या फालतु बहाते है, तो आपके परिवार कि सुख शान्ती भी उसी पानी के साथ बह जाती है तथा जीवन में धन का अभाव होता है, यह 100% सत्य बात है । अगर यदि आप व्यर्थ बहते हुये पानी को बचाते है तो आपको शुभ परिणाम मिलेंगे ।
वर्ण व्यवस्था :- के गुण
(a) ऐतरेय ऋषि दास अथवा अपराधी के पुत्र थे | परन्तु उच्च कोटि के ब्राह्मण बने और उन्होंने ऐतरेय ब्राह्मण और ऐतरेय उपनिषद की रचना की | ऋग्वेद को समझने के लिए ऐतरेय ब्राह्मण अतिशय आवश्यक माना जाता है |
(b) ऐलूष ऋषि दासी पुत्र थे | जुआरी और हीन चरित्र भी थे | परन्तु बाद में उन्होंने अध्ययन किया और ऋग्वेद पर अनुसन्धान करके अनेक अविष्कार किये |ऋषियों ने उन्हें आमंत्रित कर के आचार्य पद पर आसीन किया | (ऐतरेय ब्राह्मण २.१९)
(c) सत्यकाम जाबाल गणिका (वेश्या) के पुत्र थे परन्तु वे ब्राह्मणत्व को प्राप्त हुए |
(d) राजा दक्ष के पुत्र पृषध शूद्र हो गए थे, प्रायश्चित स्वरुप तपस्या करके उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया | (विष्णु पुराण ४.१.१४)
अगर उत्तर रामायण की मिथ्या कथा के अनुसार शूद्रों के लिए तपस्या करना मना होता तो पृषध ये कैसे कर पाए?
(e) राजा नेदिष्ट के पुत्र नाभाग वैश्य हुए | पुनः इनके कई पुत्रों ने क्षत्रिय वर्ण अपनाया | (विष्णु पुराण ४.१.१३)
(f) धृष्ट नाभाग के पुत्र थे परन्तु ब्राह्मण हुए और उनके पुत्र ने क्षत्रिय वर्ण अपनाया | (विष्णु पुराण ४.२.२)
(g) आगे उन्हींके वंश में पुनः कुछ ब्राह्मण हुए | (विष्णु पुराण ४.२.२)
(h) भागवत के अनुसार राजपुत्र अग्निवेश्य ब्राह्मण हुए |
(i) विष्णुपुराण और भागवत के अनुसार रथोतर क्षत्रिय से ब्राह्मण बने |
(j) हारित क्षत्रियपुत्र से ब्राह्मण हुए | (विष्णु पुराण ४.३.५)
(k) क्षत्रियकुल में जन्में शौनक ने ब्राह्मणत्व प्राप्त किया | (विष्णु पुराण ४.८.१) वायु, विष्णु और हरिवंश पुराण कहते हैं कि शौनक ऋषि के पुत्र कर्म भेद से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र वर्ण के हुए| इसी प्रकार गृत्समद, गृत्समति और वीतहव्य के उदाहरण हैं |
(l) मातंग चांडालपुत्र से ब्राह्मण बने |
(m) ऋषि पुलस्त्य का पौत्र रावण अपने कर्मों से राक्षस बना |
(n) राजा रघु का पुत्र प्रवृद्ध राक्षस हुआ |
(o) त्रिशंकु राजा होते हुए भी कर्मों से चांडाल बन गए थे |
(p) विश्वामित्र के पुत्रों ने शूद्र वर्ण अपनाया | विश्वामित्र स्वयं क्षत्रिय थे परन्तु बाद उन्होंने ब्राह्मणत्व को प्राप्त किया |
(q) विदुर दासी पुत्र थे | तथापि वे ब्राह्मण हुए और उन्होंने हस्तिनापुर साम्राज्य का मंत्री पद सुशोभित किया |
(r) वत्स शूद्र कुल में उत्पन्न होकर भी ऋषि बने (ऐतरेय ब्राह्मण २.१९) |
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