मानशिकता =
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आज हम बात करते है मानशिक शक्ति तो इन सब का कारक चन्द्रमा है और चन्द्रमा कुंडली मे जहाँ स्तिथ होता है वो ही हमारी जन्म राशि होती है चन्द्रमा की राशि है कर्क जो कि छाती फेफड़ो की कारक होता है और साथ साथ चन्द्रमा को मन का कारक भी बताया गया है जब चन्द्रमा हमारा कमजोर होता है तो हमें खासी , सर्दी , ज़ुकाम , टिब्बी निमोनिया आदि की शिकायत रहती है रहती है जिन बच्चों का चन्द्रमा कमजोर है उन बच्चो को सर्दी , ज़ुकाम बहुत जल्द होता है पर दूसरा पहलू यह भी है की वो मन का कारक है और मानशिकता का भी कारक है जब चन्द्रमा कुंडली मे कमजोर होता है पाप ग्रहों से पीड़ित होता है तो स्वभाव बहुत ही क्रूर और क्रोधी हो जाता है और मन की स्तिथि बहुत ही खराब हो जाएगी , एक बात को हजार बार बोलेगा , एक काम की टेंशन लेगा , ऐसा हो गया तो क्या होगा , मेरे साथ यह होगा वो होगा आदि आदि राहु आदि पाप ग्रहों का प्रभाव अधिक होगा तो अनजाना भय बना रहेगा , 8 भाव मे यह युति मूर्छा रोग आदि भी हो सकता है चन्द्रमा एक लग्न होता तो लग्न का काम करता है जब यह शुभ हो तो धन और मान समान आदि खूब देता है और इसके विपरीत जब यह असूभ होगा तो अपमानित कराएगा , चन्द्रमा जहाँ शुभ मान समान की वृद्धि करेगा , धन आदि देगा और स्वभाव सौम्य बनाएगा , असूभ मानशिक रोग विकार आदि पक्का देगा ,यह वैसे भी जितना अधिक सूर्य से दूर होगा उतना ही शुभ होगा , सूर्य के पास हो तो यह असूभ फल दाता हो जाता है चन्द्रमा की शांति के उपाय यही है कि सबसे पहले तो हमें पूर्णिमा का व्रत करना चाहिए , और साथ मे हमे सफेद चीजे , दूध चावल , चाँदी आदि का दान करना चाहिए , और साथ साथ मे भोले नाथ की पूजा से विशेष लाभ होता है जब चन्द्रमा पीड़ित हो तो जीवन मानशिक रूप से बहुत दुखी हो जाता है जिन लोगो को यह दिक्कत होती है उनको यह उपाय जरूर करने चाहिए राम राम
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आज हम बात करते है मानशिक शक्ति तो इन सब का कारक चन्द्रमा है और चन्द्रमा कुंडली मे जहाँ स्तिथ होता है वो ही हमारी जन्म राशि होती है चन्द्रमा की राशि है कर्क जो कि छाती फेफड़ो की कारक होता है और साथ साथ चन्द्रमा को मन का कारक भी बताया गया है जब चन्द्रमा हमारा कमजोर होता है तो हमें खासी , सर्दी , ज़ुकाम , टिब्बी निमोनिया आदि की शिकायत रहती है रहती है जिन बच्चों का चन्द्रमा कमजोर है उन बच्चो को सर्दी , ज़ुकाम बहुत जल्द होता है पर दूसरा पहलू यह भी है की वो मन का कारक है और मानशिकता का भी कारक है जब चन्द्रमा कुंडली मे कमजोर होता है पाप ग्रहों से पीड़ित होता है तो स्वभाव बहुत ही क्रूर और क्रोधी हो जाता है और मन की स्तिथि बहुत ही खराब हो जाएगी , एक बात को हजार बार बोलेगा , एक काम की टेंशन लेगा , ऐसा हो गया तो क्या होगा , मेरे साथ यह होगा वो होगा आदि आदि राहु आदि पाप ग्रहों का प्रभाव अधिक होगा तो अनजाना भय बना रहेगा , 8 भाव मे यह युति मूर्छा रोग आदि भी हो सकता है चन्द्रमा एक लग्न होता तो लग्न का काम करता है जब यह शुभ हो तो धन और मान समान आदि खूब देता है और इसके विपरीत जब यह असूभ होगा तो अपमानित कराएगा , चन्द्रमा जहाँ शुभ मान समान की वृद्धि करेगा , धन आदि देगा और स्वभाव सौम्य बनाएगा , असूभ मानशिक रोग विकार आदि पक्का देगा ,यह वैसे भी जितना अधिक सूर्य से दूर होगा उतना ही शुभ होगा , सूर्य के पास हो तो यह असूभ फल दाता हो जाता है चन्द्रमा की शांति के उपाय यही है कि सबसे पहले तो हमें पूर्णिमा का व्रत करना चाहिए , और साथ मे हमे सफेद चीजे , दूध चावल , चाँदी आदि का दान करना चाहिए , और साथ साथ मे भोले नाथ की पूजा से विशेष लाभ होता है जब चन्द्रमा पीड़ित हो तो जीवन मानशिक रूप से बहुत दुखी हो जाता है जिन लोगो को यह दिक्कत होती है उनको यह उपाय जरूर करने चाहिए राम राम
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