Muktiya
• सूर्य किरण से सीधे भोजन प्राप्त करे –
किसी ने मुझ से पूंछा कि जब आज सूर्य किरणों से खाना पकाया जा रहा है, बिजली पैदा की जा रही है, तो हम हम सूर्य किरणों से सीधे अपना भोजन प्राप्त कर पुष्ट और तंदुरुस्त नहीं रह रह सकते हैं क्या?
अहो, हमारे साधु और मुनि गण तो लाखों-करोड़ो वर्ष पहले से ही जानते थे कि सूर्य ही इस संसार में शक्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है और वे अपना अधिकाँश समय सूर्य की रौशनी में ही जप-तप और साधना आदि में ही करते थे. खाना भी वे मात्र एक बार ही लेते थे और लम्बी उम्र और सुखी जीवन जीते थे.
साथ ही प्राचीन काल से ही लोग सूरज की किरणों से अपने उत्तम स्वास्थ्य को हासिल करते थे. वे खुद को चुस्त और तंदुरुस्त रखने के लिए सूर्य की किरण का भोजन, उस में व्यायाम और ताजा हवा तथा सूर्य की किरणों से शुद्ध नदी में बहते पानी का ही इस्तेमाल किया करते थे.
कारण यह है कि हमारे शरीर का अपना एक अलग इको-सिस्टम होता है और अगर हम इसे प्राकृतिक तरीके से सुचारू रूप से चलाना चाहते हैं तो हमें सूर्य किरणों को अपने अंदर समाहित कर अपने आप को स्वस्थ, नीरोगी और सुखी रखना ही चाहिये.
इस बात को एक तरह से पिछले 65 साल से ब्रिटेन के सरे क्षेत्र में रहने वाले चित्र में दर्शाए श्री डेविड लेटिमर साबित कर रहे हैं. उन्होंने 1960 में ईस्टर के दौरान एक बाँटल गार्डन शुरू किया था।
बाँटल गार्डन की शुरूवात करने के लिए उन्होंने इसमें थोडी सी खाद डाली और फिर उस बाँटल को एक चौथाई पानी से भर दिया था। उन्होंने आखिरी बार उस बाँटल में 1972 में पानी डाला था।
उसके बाद बाँटल को सील बंद कर दिया था और आज तक उसमें पानी और खाद नही दिया है, फिर भी चित्र में दिखाए अनुसार यह बाँटल गार्डन आज तक हर-भरा है।
आज श्री डेविड लेटिमर 80 साल के हो चुके है। वे कहते हैं कि उन्होंने इसे हर रोज अपने कमरे की खिड़की से 6 फीट दूर सूर्य की रोशनी वाली जगह पर रखा था। वे खुद भी आश्चर्यचकित हैं कि किस तरह आज तक उनका बाँटल गार्डन बढ़ता रहा है और अभी भी चित्र में पूरी तरह हर-भरा ही दिखाई दे रहा है।
वे समझाते हैं कि इस बाँटल गार्डन का इको-सिस्टम लाजवाब है। उनके मुताबिक सूर्य की किरणों की शक्ति से खाद से निकले बैक्टीरिया ने मृत पौधों को खाकर आक्सीजन उत्सर्जित की और पौधों को कार्बन डाईआक्साइड और अन्य जरूरी पोषक तत्व दिये। इस तरह ये पौधे आज तक जीवित और हरे-भरे और स्वस्थ हैं।
श्री डेविड लेटिमर कहते हैं कि इस तरह एक बार फिर से यह सिद्ध हो जाता है कि बाँटल गार्डन पौधों का अपना भी एक अलग इको-सिस्टम होता है। यह हमारी धरती के सम्पूर्ण इको-सिस्टम का ही एक सबसे छोटा या माइक्रोवर्जन का सर्वोत्तम उदाहरण है।
इसी तरह हमारे शरीर का भी अपना एक अलग इको-सिस्टम या डॉक्टरों की भाषा में इम्युनिटी सिस्टम होता है और अगर हम अपने आपको फिट और स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो हमें भी सूर्य किरणों को अपने अंदर समाहित कर उनकी शक्ति और पोषक तत्वों का लाभ उठाना चाहिये।
सूर्य किरण भोजन लेने से आपको अपना शरीर बहुत हल्का, उत्साहवर्धक और अद्भुत लगेगा. आप यह भी महसूस करेंगे कि आपकी भूख में पहले से कमी आ रही है. इस तरह सूरज से अपनी सभी ऊर्जा पाने से अपने आप ही आपको भोजन की आवश्यकता कम होती जायेगी और दो से तीन माह सूर्य किरण भोजन करने के बाद आप अपना खाना आधा भी कर सकते हैं और आप फिर भी किसी भी तरह की कमजोरी महसूस नहीं करेंगे, क्योकि सभी तरह के पोषण तत्व आपको सूर्य किरण भोजन से मिलने लगते हैं.
इससे आप शाम या रात्रि को ले रहे भोजन को कम कर धीरे-धीरे उसका त्याग भी कर सकते हैं, इससे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को भी ठीक किया जा सकेगा. फिर आपका जीवन स्वस्थ, सुन्दर और सुखमय हो सकेगा.
साथ ही अगर आप हो रही इस बचत को गरीबों की भूंख को शांत करने में लगायेंगे, तो आपका इस जन्म में तो कल्याण होगा ही, साथ ही अगले जन्म में भी आपको उत्तम कुल, नीरोगी काया और मान-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी.
भोजन कम करने से आपको व्रत-उपवास का भी पुण्य-लाभ मिलेगा और फिर आप भी जल्द ही भक्त से भगवान बनने की ओर अपने कदम बढ़ा सकेंगे.
अहो, हमारे साधु और मुनि गण तो लाखों-करोड़ो वर्ष पहले से ही जानते थे कि सूर्य ही इस संसार में शक्ति का सबसे बड़ा स्त्रोत है और वे अपना अधिकाँश समय सूर्य की रौशनी में ही जप-तप और साधना आदि में ही करते थे. खाना भी वे मात्र एक बार ही लेते थे और लम्बी उम्र और सुखी जीवन जीते थे.
साथ ही प्राचीन काल से ही लोग सूरज की किरणों से अपने उत्तम स्वास्थ्य को हासिल करते थे. वे खुद को चुस्त और तंदुरुस्त रखने के लिए सूर्य की किरण का भोजन, उस में व्यायाम और ताजा हवा तथा सूर्य की किरणों से शुद्ध नदी में बहते पानी का ही इस्तेमाल किया करते थे.
कारण यह है कि हमारे शरीर का अपना एक अलग इको-सिस्टम होता है और अगर हम इसे प्राकृतिक तरीके से सुचारू रूप से चलाना चाहते हैं तो हमें सूर्य किरणों को अपने अंदर समाहित कर अपने आप को स्वस्थ, नीरोगी और सुखी रखना ही चाहिये.
इस बात को एक तरह से पिछले 65 साल से ब्रिटेन के सरे क्षेत्र में रहने वाले चित्र में दर्शाए श्री डेविड लेटिमर साबित कर रहे हैं. उन्होंने 1960 में ईस्टर के दौरान एक बाँटल गार्डन शुरू किया था।
बाँटल गार्डन की शुरूवात करने के लिए उन्होंने इसमें थोडी सी खाद डाली और फिर उस बाँटल को एक चौथाई पानी से भर दिया था। उन्होंने आखिरी बार उस बाँटल में 1972 में पानी डाला था।
उसके बाद बाँटल को सील बंद कर दिया था और आज तक उसमें पानी और खाद नही दिया है, फिर भी चित्र में दिखाए अनुसार यह बाँटल गार्डन आज तक हर-भरा है।
आज श्री डेविड लेटिमर 80 साल के हो चुके है। वे कहते हैं कि उन्होंने इसे हर रोज अपने कमरे की खिड़की से 6 फीट दूर सूर्य की रोशनी वाली जगह पर रखा था। वे खुद भी आश्चर्यचकित हैं कि किस तरह आज तक उनका बाँटल गार्डन बढ़ता रहा है और अभी भी चित्र में पूरी तरह हर-भरा ही दिखाई दे रहा है।
वे समझाते हैं कि इस बाँटल गार्डन का इको-सिस्टम लाजवाब है। उनके मुताबिक सूर्य की किरणों की शक्ति से खाद से निकले बैक्टीरिया ने मृत पौधों को खाकर आक्सीजन उत्सर्जित की और पौधों को कार्बन डाईआक्साइड और अन्य जरूरी पोषक तत्व दिये। इस तरह ये पौधे आज तक जीवित और हरे-भरे और स्वस्थ हैं।
श्री डेविड लेटिमर कहते हैं कि इस तरह एक बार फिर से यह सिद्ध हो जाता है कि बाँटल गार्डन पौधों का अपना भी एक अलग इको-सिस्टम होता है। यह हमारी धरती के सम्पूर्ण इको-सिस्टम का ही एक सबसे छोटा या माइक्रोवर्जन का सर्वोत्तम उदाहरण है।
इसी तरह हमारे शरीर का भी अपना एक अलग इको-सिस्टम या डॉक्टरों की भाषा में इम्युनिटी सिस्टम होता है और अगर हम अपने आपको फिट और स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो हमें भी सूर्य किरणों को अपने अंदर समाहित कर उनकी शक्ति और पोषक तत्वों का लाभ उठाना चाहिये।
सूर्य किरण भोजन लेने से आपको अपना शरीर बहुत हल्का, उत्साहवर्धक और अद्भुत लगेगा. आप यह भी महसूस करेंगे कि आपकी भूख में पहले से कमी आ रही है. इस तरह सूरज से अपनी सभी ऊर्जा पाने से अपने आप ही आपको भोजन की आवश्यकता कम होती जायेगी और दो से तीन माह सूर्य किरण भोजन करने के बाद आप अपना खाना आधा भी कर सकते हैं और आप फिर भी किसी भी तरह की कमजोरी महसूस नहीं करेंगे, क्योकि सभी तरह के पोषण तत्व आपको सूर्य किरण भोजन से मिलने लगते हैं.
इससे आप शाम या रात्रि को ले रहे भोजन को कम कर धीरे-धीरे उसका त्याग भी कर सकते हैं, इससे आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को भी ठीक किया जा सकेगा. फिर आपका जीवन स्वस्थ, सुन्दर और सुखमय हो सकेगा.
साथ ही अगर आप हो रही इस बचत को गरीबों की भूंख को शांत करने में लगायेंगे, तो आपका इस जन्म में तो कल्याण होगा ही, साथ ही अगले जन्म में भी आपको उत्तम कुल, नीरोगी काया और मान-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी.
भोजन कम करने से आपको व्रत-उपवास का भी पुण्य-लाभ मिलेगा और फिर आप भी जल्द ही भक्त से भगवान बनने की ओर अपने कदम बढ़ा सकेंगे.
उगते और डूबते सूरज की किरणों से भोजन प्राप्त करने का समय सूर्योदय से आधा घंटे बाद तक और सूर्यास्त से आधा घंटे पहले से सूर्यास्त तक ही है. सूर्य किरण भोजन के लिए सूर्य को टकटकी लगाकर देखने का कार्य शुरू में सिर्फ पांच मिनिट के लिए करें और फिर धीरे-धीरे उसे रोज 30 सेकंड बढ़ाते जाना चाहिये.
इसे शुरू में 3 माह तक अधिक से अधिक 15 मिनट के लिए ही करना चाहिये और उसके बाद फिर आप इसको बढाकर 30 मिनट तक कर सकते हैं. सूर्योदय और सूर्यास्त का समय आपको आपके यहाँ के समाचार पत्र में मिल सकता है.
लोकहित में सूर्य किरण भोजन का अगर व्यवस्थित रूप से प्रचार और प्रसार किया जाए तो इस संसार से भूँख की समस्या काफी हद तक कम की जा सकती है. साथ ही मांसाहारियों को भी सूर्य किरण भोजन और शाकाहार की प्रेरणा दी जा सकती है, जिससे लाखो-करोड़ो जानवर भी कटने से बच जायेंगे.
• सावधानी –
अगर किसी व्यक्ति को कोई समस्या हो या आँखों में लाली हो, तो वे दो-तीन दिन तक सूर्य किरण भोजन लेना बंद कर फिर एक मिनिट की अवधि से शुरू करें.
इसके साथ ही अन्य सभी तरह की गंभीर बीमारियों से अगर आप अपने आपको और अपने परिवार को बचाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से अपने शरीर की मेरे हर लेख में बताये अनुसार अपने पूरे परिवार की शारीरिक ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करते रहें.
इसे शुरू में 3 माह तक अधिक से अधिक 15 मिनट के लिए ही करना चाहिये और उसके बाद फिर आप इसको बढाकर 30 मिनट तक कर सकते हैं. सूर्योदय और सूर्यास्त का समय आपको आपके यहाँ के समाचार पत्र में मिल सकता है.
लोकहित में सूर्य किरण भोजन का अगर व्यवस्थित रूप से प्रचार और प्रसार किया जाए तो इस संसार से भूँख की समस्या काफी हद तक कम की जा सकती है. साथ ही मांसाहारियों को भी सूर्य किरण भोजन और शाकाहार की प्रेरणा दी जा सकती है, जिससे लाखो-करोड़ो जानवर भी कटने से बच जायेंगे.
• सावधानी –
अगर किसी व्यक्ति को कोई समस्या हो या आँखों में लाली हो, तो वे दो-तीन दिन तक सूर्य किरण भोजन लेना बंद कर फिर एक मिनिट की अवधि से शुरू करें.
इसके साथ ही अन्य सभी तरह की गंभीर बीमारियों से अगर आप अपने आपको और अपने परिवार को बचाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से अपने शरीर की मेरे हर लेख में बताये अनुसार अपने पूरे परिवार की शारीरिक ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करते रहें.
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