Muktiya
• दमा या अस्थमा से बचें -
यह रोग मुख्यत: पौष्टिक भोजन की कमी, बहुत ज्यादा शारीरिक परिश्रम करने, धूल-धुँये से भरे हुए वातावरण में रहने से, सीलन एवं दुर्गन्ध भरे वातावरण मे रहने से, उपदंश या ज्यादा एलोपैथी दवाइयों के सेवन आदि के कारण हो जाता है।
अक्सर मेरे पास ऐसे भी मरीज आते हैं, जिन्होंने चर्म रोग, एक्जीमा, सोरायसिस आदि कोई भी बीमारी को एलोपैथी दवा से दबा दिया, फिर उसके परिणाम स्वरुप उनको दमा, हार्ट की बीमारी या घुटने की गंभीर बीमारी हो जाती है. फिर उन्हें जीवन भर कष्ट भोगना पड़ता है. अतः कभी भी किसी भी चर्मरोग के ऊपर कोई भी ऑइंटमेंट नहीं लगाये या उसे दबाने की दवाई न खाएं, नहीं तो उसका दुष्परिणाम आपको जिन्दगी भर भुगतना पड़ेगा.
इस रोग में जरा से श्रम से ही रोगी का दम फूल जाना, अधिक बलगम निकलना, खाँसी आना, खाँसी बार-बार तथा बडी तेज उठती है, गले से साँय-साँय की आवाज आती है, छाती में दर्द और खिंचाव बना रहता है, दमा, हँफनी, साँस फूलना, बैचैनी, घबराहट, साँस लेने व निकालने में बहुत कष्ट, लेटने में साँस फूलना, सर आगे झुकाकर बैठने से आराम मिलना आदि परेशानी होती हैं. ठण्ड में यह रोग बहुत बढ़ जाता है।
इस रोग का उपचार इस तरह करें -
1. आप सल्फर 200 को सुबह 7 बजे, दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को आठ बजे Nux Vom 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से सिर्फ एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं 11की दो गोली दिन में तीन से चार बार लें.
3. या ब्रोंकाइल अस्थमा के लिए HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं 28 की दो गोली दिन में तीन से चार बार तक ली जा सकती है.
4. या बलगम बिलकुल नहीं निकलने पर HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं 97 की दो गोली दिन में तीन से चार बार तक ली जा सकती है.
5. साथ ही DROX 3 की दस बूँद आधे कप पानी में दिन में चार बार लें. दमा की तीव्र अवस्था में एक कांच के गिलास पानी भर कर उसमे 20 बूँद DROX 3 की डालकर हर दस-दस मिनिट से मरीज को दे सकते हैं.
6. बायो काम्ब नं. 2 की छह पिल्स भी दिन में चार बार चूसें. आपातकाल में इसे भी हर घंटे कुनकुने पानी से ले सकते हैं.
7. बहुत ज्यादा दर्द और तकलीफ होने पर इन तीनो दवाइयों को हर एक घंटे में बदल-बदल कर भी ले सकते हैं.
8. जो लोग दमा और अन्य रोगों से पीड़ित हैं और अंग्रेजी दवाइयां ले रहे हैं, वे उन्हें एक दम से बंद न करें और उपरोक्त इन दवाइयों को तीन माह तक लेने के बाद अपने डॉक्टर की सलाह से उन्हें धीरे-धीरे कम कर सकते हैं.
यह रोग मुख्यत: पौष्टिक भोजन की कमी, बहुत ज्यादा शारीरिक परिश्रम करने, धूल-धुँये से भरे हुए वातावरण में रहने से, सीलन एवं दुर्गन्ध भरे वातावरण मे रहने से, उपदंश या ज्यादा एलोपैथी दवाइयों के सेवन आदि के कारण हो जाता है।
अक्सर मेरे पास ऐसे भी मरीज आते हैं, जिन्होंने चर्म रोग, एक्जीमा, सोरायसिस आदि कोई भी बीमारी को एलोपैथी दवा से दबा दिया, फिर उसके परिणाम स्वरुप उनको दमा, हार्ट की बीमारी या घुटने की गंभीर बीमारी हो जाती है. फिर उन्हें जीवन भर कष्ट भोगना पड़ता है. अतः कभी भी किसी भी चर्मरोग के ऊपर कोई भी ऑइंटमेंट नहीं लगाये या उसे दबाने की दवाई न खाएं, नहीं तो उसका दुष्परिणाम आपको जिन्दगी भर भुगतना पड़ेगा.
इस रोग में जरा से श्रम से ही रोगी का दम फूल जाना, अधिक बलगम निकलना, खाँसी आना, खाँसी बार-बार तथा बडी तेज उठती है, गले से साँय-साँय की आवाज आती है, छाती में दर्द और खिंचाव बना रहता है, दमा, हँफनी, साँस फूलना, बैचैनी, घबराहट, साँस लेने व निकालने में बहुत कष्ट, लेटने में साँस फूलना, सर आगे झुकाकर बैठने से आराम मिलना आदि परेशानी होती हैं. ठण्ड में यह रोग बहुत बढ़ जाता है।
इस रोग का उपचार इस तरह करें -
1. आप सल्फर 200 को सुबह 7 बजे, दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को आठ बजे Nux Vom 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से सिर्फ एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं 11की दो गोली दिन में तीन से चार बार लें.
3. या ब्रोंकाइल अस्थमा के लिए HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं 28 की दो गोली दिन में तीन से चार बार तक ली जा सकती है.
4. या बलगम बिलकुल नहीं निकलने पर HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं 97 की दो गोली दिन में तीन से चार बार तक ली जा सकती है.
5. साथ ही DROX 3 की दस बूँद आधे कप पानी में दिन में चार बार लें. दमा की तीव्र अवस्था में एक कांच के गिलास पानी भर कर उसमे 20 बूँद DROX 3 की डालकर हर दस-दस मिनिट से मरीज को दे सकते हैं.
6. बायो काम्ब नं. 2 की छह पिल्स भी दिन में चार बार चूसें. आपातकाल में इसे भी हर घंटे कुनकुने पानी से ले सकते हैं.
7. बहुत ज्यादा दर्द और तकलीफ होने पर इन तीनो दवाइयों को हर एक घंटे में बदल-बदल कर भी ले सकते हैं.
8. जो लोग दमा और अन्य रोगों से पीड़ित हैं और अंग्रेजी दवाइयां ले रहे हैं, वे उन्हें एक दम से बंद न करें और उपरोक्त इन दवाइयों को तीन माह तक लेने के बाद अपने डॉक्टर की सलाह से उन्हें धीरे-धीरे कम कर सकते हैं.
• शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग –
हमेशा स्वस्थ रहने के लिए कोई भी व्यक्ति या परिवार अगर निम्न उपचार द्वारा अपने शरीर की ओवरहालिंग और रिचार्जिंग करता है और खान-पान तथा एक्सरसाइज भी निम्न अनुसार लेता है, तो उसे कभी भी कैंसर, डायबटीज, ह्रदय रोग, लिवर रोग, किडनी फेल्यर, टी.बी., फेफड़े के रोग, चर्म रोग आदि कोई भी गंभीर बीमारी नहीं होगी और वह आजीवन सपरिवार स्वस्थ, प्रसन्न और खुशहाल रह सकेगा -
1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके सल्फर 200 को, फिर दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें.
3. अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स या HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 67 की एक या आधी गोली रोज रात एक सफ्ताह तक 9.30 बजे लें. इसके बाद हर व्यक्ति को चाहिए कि वह इसे हर हफ्ते एक या आधी गोली रात्रि 9.30 बजे ले.
4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें.
6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें.
7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें.
8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें.
10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये.
12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे।
13. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं।
14. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें.
15. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें.
16. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
17. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
18. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
19. अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
20. अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
21. अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी.
22. मेरी स्वस्थ रहे, स्वस्थ करें, मुक्तियाँ और अन्य कई पुस्तकों को मेरे समाधान ग्रुप से निशुल्क डाउन लोड करें. आप चाहे तो अपना email address मेरे मेसेज बाक्स में दे दे, तो मैं आपको डायरेक्ट मेल कर दूंगा.
23. होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
24. किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
25. होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
26. हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
27. हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें.
28. इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
29. मेरी सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी, लोक कल्याण, मानवाधिकार और आध्यात्मिक पोस्ट और पुस्तकों को देखने और उन्हें डाउनलोड करने के लिए आप मेरे ग्रुप “HEALTH CARE स्वस्थ रहो, स्वस्थ करो” और “Samadhan समाधान” से जुड़ सकते हैं और अपने दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं.
30. मेरे नये आध्यात्मिक ग्रुप “कहान गुरु आस्था परिवार Kahan Guru Aastha Parivar” में आप सभी का स्वागत है. अतः मेरे इस इस शाश्वत कल्याणकारी ग्रुप से खुद भी जुड़े और अपने संगी-साथी को भी जोड़कर उनका भी अपने निज-परमात्मा के चैतन्य-चमत्कार से परिचय करवाएं.
1. सबसे पहले आप सुबह 7 बजे कुल्ला करके सल्फर 200 को, फिर दोपहर को आर्निका 200 और रात्रि को खाने के एक से दो घंटे बाद या नौ बजे नक्स वोम 200 की पांच-पांच बूँद आधा कप पानी से एक हफ्ते तक ले, फिर हर तीन से छह माह में तीन दिन तक लें.
2. इन दवाइयों को लेने के एक हफ्ते बाद हर 15-15 दिन में सोरिनम 200 का मात्र एक-एक पांच बूँद का डोज चार बार तक ले, ताकि आपके शरीर के अंदर जमा दवाई और दूसरे अन्य केमिकल और पेस्टीसाइड के विकार दूर हो सकें और आपके शरीर के सभी ह्रदय, फेफड़े, लीवर, किडनी आदि मुख्य अंग सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे. बच्चों और ज्यादा वृद्धों में ये सभी दवा 30 की पावर में दें.
3. अगर कब्ज रहता हो, तो होम्योलेक्स या HSL कम्पनी की होम्योकाम्ब नं. 67 की एक या आधी गोली रोज रात एक सफ्ताह तक 9.30 बजे लें. इसके बाद हर व्यक्ति को चाहिए कि वह इसे हर हफ्ते एक या आधी गोली रात्रि 9.30 बजे ले.
4. आप सुबह दो से चार गिलास कुनकुना पानी पीकर 5 मिनिट तक कौआ चाल (योग क्रिया) करें.
5. साथ ही पांच या अधिक से अधिक दस बार तक सूर्य नमस्कार करें. फिर 200 से 500 बार तक कपाल-भांति करें. इसके बाद प्राणायाम करें.
6. रोज सुबह और रात को 15-15 मिनिट का शवासन भी करें.
7. फिर एक घंटे बाद अगर सूट करे, तो कम से कम एक माह तक नारियल पानी लें.
8. सुबह और शाम को अगर संभव हो, तो एक घंटा अवश्य घूमें.
9. रात को सोते समय अष्टावक्र गीता में बताये अनुसार दो मिनिट के लिए “मैं स्वयं ही तीन लोक का चैतन्य सम्राट हूँ” ऐसा जाप करें.
10. उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव के चार्ज किये और मिलाकर बने चुम्बकित जल को लगभग 50 मिलीलीटर की मात्रा में रोज दिन में 3 बार उपयोग करें.
11. रोज सुबह उच्च शक्ति चुम्बकों को हथेलियों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए लगायें और रात्रि को खाने के दो घंटे बाद पैर के तलुवों पर 15 मिनिट से आधे घंटे के लिए दक्षिणी चुम्बक को बायीं ओर और उत्तरी चुम्बक को दाहिनी ओर लगाये.
12. गेंहू, जौ, देसी चना और सोयाबीन को सम भाग मिलाकर पिसवा ले और उसकी रोटी सादे मसाले की रेशेदार सब्जी से खाएं. दाल का प्रयोग कम कर दें. बारीक आटे व मैदे से बनी वस्तुएं, तली वस्तुएं एव गरिष्ठ भोजन का त्याग करे।
13. सुबह-शाम चाय के स्थान पर नीबू का रस गरम पानी में मिला कर पिएं।
14. खाने में सिर्फ सेंधे नमक का प्रयोग करें.
15. रात को सोने से पहले पेट को ठण्डक पहुँचायें। इसके लिए खाने के चार घंटे बाद एक नेपकिन को सामान्य ठन्डे पानी से गीली करके पेट पर रखें और हर दो मिनिट में पलटते रहें. 15 मिनिट से 20 मिनिट तक इसे करें.
16. मैथी दाना 250 ग्राम, अजबाइन 100 ग्राम और काली जीरी 50 ग्राम को पीस कर इस चूर्ण को कुनकुने पानी से रात्रि 9.30 बजे एक चम्मच लें.
17. रात्रि को खाना और जमीकंद खाना, शराब पीना व धूम्रपान अगर करते हों या तम्बाखू खाते हों, तो इन्हें बंद करें. शाकाहारी भोजन ही लें.
18. अपने शरीर की सालाना ओवरहालिंग के लिए साल में एक बार अपने आसपास के किसी भी प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में जाकर वहां का दस दिन का कोर्स करें.
19. अपने घर के बुजुर्ग लोगों की रोज एक घंटे के लिये सेवा और मदद करें.
20. अपने आसपास की झोपड़पट्टी में रहने वाले किसी गरीब व्यक्ति की हर हफ्ते जाकर मदद करें.
21. अध्यात्मिक कैप्सूल के रूप में मेरी पुस्तक मुक्तियाँ की एक-एक मुक्ति तीन माह तक रोज पढ़ें. इससे आपकी नेगेटिव एनर्जी कम होगी और पॉजिटिव एनर्जी बहुत तेजी से बढेगी.
22. मेरी स्वस्थ रहे, स्वस्थ करें, मुक्तियाँ और अन्य कई पुस्तकों को मेरे समाधान ग्रुप से निशुल्क डाउन लोड करें. आप चाहे तो अपना email address मेरे मेसेज बाक्स में दे दे, तो मैं आपको डायरेक्ट मेल कर दूंगा.
23. होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब नम्बर से मिलती हैं. इनके नम्बर ध्यान से लिखें. साथ ही होम्योकाम्ब और बायोकाम्ब में कन्फ्यूज न हों. इन्हें साफ़-साफ़ लिखें.
24. किसी भी गंभीर मरीज को किसी विशेषज्ञ डॉक्टर को तत्काल दिखायें.
25. होम्योपैथी की दवाइयों को मुंह साफ़ करके कुल्ला करके लेना चाहिए. इनको लेते समय किसी भी तरह की सुगन्धित चीजों और प्याज, लहसुन, काफी, हींग और मांसाहार आदि से बचे और दवा लेने के आधा घंटा पहले और बाद में कुछ न लें.
26. हर दिन नई एलोपथिक दवाइयां बन रही हैं और अधिकांश पुरानी दवाइयों के घातक और खतरनाक परिणामों के कारण इन्हें कुछ ही वर्षों में भारत को छोड़ कर विश्व के कई देशों में बेन भी किया जा रहा है.
27. हमें भी चाहिये कि हम मात्र एलोपथिक दवाइयों पर ही निर्भर न रहकर योगासन, सूर्य किरण भोजन, अमृत-जल या सूर्य किरण जल चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, बायोकेमिक दवाइयाँ आदि निर्दोष प्रणालियों को अपना कर खुद और अपने परिवार को सुरक्षित करें.
28. इस तरह दवा मुक्त विश्व का निर्माण करना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है और इसके लिए आप सभी का सहयोग चाहिये, जो आप मेरे इन सन्देशों को दूर-दूर तक फैला कर मुझे दे सकते हैं.
29. मेरी सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी, लोक कल्याण, मानवाधिकार और आध्यात्मिक पोस्ट और पुस्तकों को देखने और उन्हें डाउनलोड करने के लिए आप मेरे ग्रुप “HEALTH CARE स्वस्थ रहो, स्वस्थ करो” और “Samadhan समाधान” से जुड़ सकते हैं और अपने दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं.
30. मेरे नये आध्यात्मिक ग्रुप “कहान गुरु आस्था परिवार Kahan Guru Aastha Parivar” में आप सभी का स्वागत है. अतः मेरे इस इस शाश्वत कल्याणकारी ग्रुप से खुद भी जुड़े और अपने संगी-साथी को भी जोड़कर उनका भी अपने निज-परमात्मा के चैतन्य-चमत्कार से परिचय करवाएं.
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