मैने कई बार शनि देव के बारे मे बताया है आज बताते है की कौन जातक नौकरी करता है और कौन करवाता है यानी नौकर चाकर होते है इनका सीधा सबंध शनि देव से है जब भी शनि देव नीचगत हो या खराब हो साथ मे परम मित्र शुक्र भी मंगल व सुर्य से पिडित हो तो जातक काम अपना खोलेगा तो कर्जा ही देगा राहू 12 मे होगा तो काम बदलता रहेगा पर कभी न सफल होता है न समझ पाता है ऐसे हाल मे गुलामी यानी नौकरी करनी पडती है पर वहाॅ भी धन सचंय नही हो पाता । सभी राशियो का अपना एक अधिकार रहता है शनि देव और केतू एक साथ अपना साथ निभाते है कर्म दोनो का सूचक है शनि का बलवान होना यानी केतू का बलवान होना पर यदि गुरू पिडित हो तो फलहीन रहेगा नौकरीनौकरी करवाना और नौकरी करना दो अलग अलग बातें है। जन्म कुन्डली में अगर शनि नीच का है तो नौकरी करवायेगा,और शनि अगर उच्च का है तो नौकरों से काम करवायेगा। तुला का शनि उच्च का होता है और मेष का शनि नीच का होता है। मेष राशि से जैसे जैसे शनि तुला राशि की तरफ़ बढता जाता है उच्चता की ओर अग्रसर होता जाता है,और तुला राशि से शनि जैसे जैसे आगे जाता है नीच की तरफ़ बढता जाता है,अपनी अपनी कुन्डली में देख कर पता किया जा सकता है कि शनि की स्थिति कहां पर है। और जिस स्थान पर शनि होता है उस स्थान के साथ शनि अपने से तीसरे स्थान पर,सातवें स्थान पर और दसवें स्थान पर अपना पूरा असर देता है। इसके साथ हीशनि पर राहु केतु मन्गल अगर असर दे रहे है तो शनि के अन्दर इन ग्रहों का भी असर शुरु हो जाता है,मतलब जैसे शनि नौकरी का मालिक है,और शनि वृष राशि का है,वृष राशि धन की राशि है और भौतिक सामान की राशि है,वृष राशि से अपनी खुद की पारिवारिक स्थिति का पता किया जाता है। वृष राशि में शनि नीच का होगा लेकिन उच्चता की तरफ़ बढता हुआ होगा,इसके प्रभाव से जातक धन और भौतिक सामान के संस्थान के प्रति काम करने के लिये उत्सुक रहेगा,इसके साथ ही शनि की तीसरी निगाह कर्क राशि पर होगी,कर्क राशि चन्द्रमा की राशि है,और कर्क राशि के लिये माता मन मकान पानी पानी वाली वस्तुयें चांदीचावल जनता और वाहन आदि के बारे में जाना जाताहै,तो जातक का ध्यान काम करने के प्रति भौतिक साधनों तथा धन के लिये इन क्षेत्रों में सबसे पहले ध्यान जायेगा। उसके बाद शनि की सातवीं निगाह वृश्चिक राशि पर होगी,यह भी जल की राशि है और मंगल इसका स्वामी है। यह मृत्यु के बाद प्राप्त धन की राशि है,जो सम्पत्ति मौत के बाद प्राप्त होती है उसके बारे में इसी राशि से जाना जाता है। किसी की सम्पत्ति को बेचकर उसके बीच से प्राप्त कियेजाने वाले कमीशन की राशि है,तो जातक जब नौकरी करेगा तो उसका ध्यान इन कामों की तरफ़ भी जायेगा। काम करवाने के लिऐ शनि का अच्छा होना साथ ही केतू अहम है जैसे शनि मृत्यु है वैसे केतू उसके बाद मोक्ष का है यानी शनि कर्म है और कराने का काम केतू का । जिसका चौथा भाव बलि या उसका स्वामि पूर्ण बल मे हो दसवा पूर्ण फल मे हो ऐसे जातक के पास सारी सुविधा होती है । पर जिनका राहू 11-12 घर जाऐगा वो अपनी जन्म भूमि से दूर काम करेगा 12 मे तो दूसरे देशो की यात्रा और वही का काम देगा ॥
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