आज बात करते है दुर्घटना योग की आज की लाइफ मे भाग दौड आम बात है अकसर लोग दुर्घटना का शिकार होते है एक तो कभी कभी एक हर बार होता हो ऐ बडो के साथ छोटो मे भी होता है यानी बच्चे अकसर चोट खाते है भले ही ऐ आम बात है लेकिन अधिकतर को चोट नही लगती और कुछ को थोडे से चोट लग जाती है।
अष्टम भाव में मंगल, राहु, केतु, शनि शत्रु राशि के स्थित हों और नवांश में भी उनकी स्थिति अच्छी नहीं हो और किसी शुभग्रहों की दृष्टि उन पर नहीं हो तो दुर्घटनाएं गम्भीर होती है। वही मगंल शनी की युति आठवे मे हो तो अकसर वाहनो से चोट खाता है यही युति चौथे मे हो राहू आठवे हो चद्र केतू साथ हो नीचगत हो तो जातक का झगडालू स्वभाव होता है लडने मे झगडे मे चोट खाता है और देता है । मगंल देव शनि और सुर्य चौथे मे शत्रुगत हो नीचगत हो केतू बुध साथ हो तो पिता की समपत्ती के लिऐ भाईयो मे टकराव होता है मारकाट कोर्ट केस भटकता है ।वही अकेला मगंल आठवे मे नीचगत हो तो आग से भय रहता है । चोट देने मे केतू देव और गुरू भी साथ देते अकसर खराब हालाद मे हल्की सी चोट पर भी हड्डी मे चोट देता है टूटना काफी समय मे वो जुडती है । ऐसे लोगो के हड्डीयो मे दर्द रहता है । जन्म से यदि केतू देव कुडली मे पिडित हो शनी के साथ हो तो बच्चे को चोट लगती रहती है वो कुत्ते को भी रोटी देगा तो कुत्ता भी काट लेगा यानी कुछ चीज छेडेगा तो वो खराब होगी ही लेकिन खुद पर भी चोट लगती है ।केतू देव और शनी देव जब भी एक साथ खराब होगे तो बिमारी ही अचानक देता रहता है या वो बिमार रहते है दशा या गोचरफल मे आते ही अचानक कोई न कोई बिमारी देगा लेकिन रिर्पोट मे कुछ नी आता वही शनी देव के खराब हालाद मे मकान बनाते ही बिमारी और दुर्घटना देने लगता है ।
अष्टम भाव में मंगल, राहु, केतु, शनि शत्रु राशि के स्थित हों और नवांश में भी उनकी स्थिति अच्छी नहीं हो और किसी शुभग्रहों की दृष्टि उन पर नहीं हो तो दुर्घटनाएं गम्भीर होती है। वही मगंल शनी की युति आठवे मे हो तो अकसर वाहनो से चोट खाता है यही युति चौथे मे हो राहू आठवे हो चद्र केतू साथ हो नीचगत हो तो जातक का झगडालू स्वभाव होता है लडने मे झगडे मे चोट खाता है और देता है । मगंल देव शनि और सुर्य चौथे मे शत्रुगत हो नीचगत हो केतू बुध साथ हो तो पिता की समपत्ती के लिऐ भाईयो मे टकराव होता है मारकाट कोर्ट केस भटकता है ।वही अकेला मगंल आठवे मे नीचगत हो तो आग से भय रहता है । चोट देने मे केतू देव और गुरू भी साथ देते अकसर खराब हालाद मे हल्की सी चोट पर भी हड्डी मे चोट देता है टूटना काफी समय मे वो जुडती है । ऐसे लोगो के हड्डीयो मे दर्द रहता है । जन्म से यदि केतू देव कुडली मे पिडित हो शनी के साथ हो तो बच्चे को चोट लगती रहती है वो कुत्ते को भी रोटी देगा तो कुत्ता भी काट लेगा यानी कुछ चीज छेडेगा तो वो खराब होगी ही लेकिन खुद पर भी चोट लगती है ।केतू देव और शनी देव जब भी एक साथ खराब होगे तो बिमारी ही अचानक देता रहता है या वो बिमार रहते है दशा या गोचरफल मे आते ही अचानक कोई न कोई बिमारी देगा लेकिन रिर्पोट मे कुछ नी आता वही शनी देव के खराब हालाद मे मकान बनाते ही बिमारी और दुर्घटना देने लगता है ।
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