ग्रहो मे सबसे प्रभावशाली ग्रह शनी देव ही है इनसे लोग डरते भी है और लोगो को डराया भी जाता है ऐ सच है कि शनी देव अशुभ फल मे हो तो एक रात मे आसमान से जमीन मे पटक देते है गलत तरीके से कमाया धन इनके ही असुभ फल मे साथ छोड देता है जिदंगी भर कमाया लेकिन काम नि आता या डूब जाएगा या कोई और भोग कर जाएगा । जातक को कर्म की शिक्षा शनि देव ही देते है पीतल से सोना बनाते है इनकी दशा और साढे साती मे जातक को हर उस चीज से वाकिफ कराते है जो आगे जाकर गलतिया नही करता । फिलहाल कैसे छोटी बातो से जाने की वो खराब हालाद मे है
शनि की गति धीमी है। इसके दूषित होने पर अच्छे से अच्छे काम में गतिहीनता आ जाती है। कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव में होने पर मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता या क्षतिग्रस्त हो जाता है। अंगों के बाल झड़ जाते हैं। शनिदेव की भी दो राशिया है, मकर और कुम्भ। शारीर में विशेषकर निचले हिस्से में ( कमर से नीचे ) हड्डी या स्नायुतंत्र से सम्बंधित रोग लग जाते है। वाहन से हानि या क्षति होती है। काले धन या संपत्ति का नाश हो जाता है। अचानक आग लग सकती है या दुर्घटना हो सकती है।
नेत्र रोग और खाँसी की बीमारी।
नेत्र रोग और खाँसी की बीमारी।
उपाय है----;-;-हनुमान मंदिर में ध्वजा दान करना, बंदरो को चने खिलाना, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड का पाठ और ॐ हन हनुमते नमः का १०८ बार नित्य जाप करना श्रेयस्कर होता है। नाव की कील या काले घोड़े की नाल धारण करे। यदि कुंडली में शनि लग्न में हो तो भिखारी को ताँबे का सिक्का या बर्तन कभी न दें यदि देंगे तो पुत्र को कष्ट होगा। यदि शनि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला आदि न बनवाएँ।कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएँ। तेल में अपना मुख देख वह तेल दान कर दें (छाया दान करे ) । लोहा, काली उड़द, कोयला, तिल, जौ, काले वस्त्र, चमड़ा, काला सरसों आदि दान दें|
११ दिन तक बहते पानी में रोजाना नारियल बहाएँ। शनि के दिन पीपल पर तेल का दिया जलाये ,या किसी बर्तन में तेल लेकर उसमे अपना क्षाया देखें और बर्तन तेल के साथ दान करे. क्योंकि शनि देव तेल के दान से अधिक प्रसन्ना होते है, या हनुमान जी की पूजा करे और बजरंग बाण का पथ करे, शनि के लिए काले साबुत उड़द एवं लोहे की वस्तु का दान करें
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