गुरुवार, 10 नवंबर 2022

जो रमने के लिए विवश कर दे वह राम..!

 जो रमने के लिए विवश कर दे वह राम..!

जीवन की आपाधापी में पड़ा अशांत मन जिस आनंददायक गंतव्य की सतत तलाश में है, वह गंतव्य है राम..!


भारतीय मन हर स्थिति में राम को साक्षी बनाने का आदी है।


👉दुःख में,

हे राम..!


👉पीड़ा में,

हे राम..!


👉लज्जा में,

हाय राम..!


👉अशुभ में,

अरे राम राम..!


👉अभिवादन में,

राम राम..!


👉शपथ में,

रामदुहाई..!


👉अज्ञानता में,

राम जाने..!


👉अनिश्चितता में,

राम भरोसे..!


👉अचूकता के लिए,

रामबाण..!


👉मृत्यु के लिए,

रामनाम सत्य..!


👉सुशासन के लिए,

रामराज्य..!


जैसी अभिव्यक्तियां पग-पग पर राम को साथ खड़ा करतीं हैं।


राम भी इतने सरल हैं कि हर जगह खड़े हो जाते हैं।


हर भारतीय उन पर अपना अधिकार मानता है। 


👉जिसका कोई नहीं उसके लिए राम हैं-

निर्बल के बल राम..!


असंख्य बार देखी सुनी पढ़ी जा चुकी रामकथा का आकर्षण कभी नहीं खोता।


राम पुनर्नवा हैं।


हमारे भीतर जो कुछ भी अच्छा है, वह राम है।


जो शाश्वत है, वह राम हैं।


सब-कुछ लुट जाने के बाद जो बचा रह जाता है वही तो राम है।


घोर निराशा के बीच जो उठ खड़ा होता है वह भी राम ही है।


🙏जै रामजी की,

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