गुरुवार, 10 नवंबर 2022

गरुड़ : श्री हरि विष्णु भगवान के अनन्य भक्त और वाहन

 गरुड़ : श्री हरि विष्णु भगवान के अनन्य भक्त और वाहन

आज बात गरुड के गले में हार की तरह टँगे नाग की। नाग का नाम है सुमुख। सुमुख यानी सुंदर चेहरे वाला। आपने गरुड देव की ऐसी बहुत सी मूर्तियाँ या तस्वीरें देखी होंगी जिनमें उनके गले में एक नाग दिखाई देता है। वैसे तो गरुड और नाग दोनों ही कश्यप ऋषि की संतान हैं।
गरुड की माता का नाम विनता था, इसलिए ही उन्हें वैनतेय कहते हैं। वहीं नागों की माता का नाम कद्रु था। कद्रु ने छल से विनता को दास बना लिया था। गरुड और नागों के बीच वैर का यही प्रमुख कारण भी है। फिर गरुड के गले में हार की तरह यह नाग क्यों लटका है?
महाभारत के उद्योग पर्व में सुमुख नाम के इस नाग के बारे में पता चलता है।
सुमुख के पिता चिकुर (चिकुर का अर्थ हुआ 'चि' स्वर निकालने वाला या लोगों को बिना वजह परेशान करने वाला) को गरुड ने खा लिया था।
बाद में सुमुख का विवाह इंद्र के सारथि मातलि की बेटी गुणकेशी से हो गया। भगवान विष्णु के कहने पर इंद्र ने सुमुख को लम्बा जीवन भी दे दिया।
इस विवाह के बारे में पता चलने पर गरुड इंद्र से नाराज़ हो गए। उन्होंने भगवान विष्णु से भी यह कह दिया कि मुझसे अधिक शक्तिशाली पूरे ब्रह्माण्ड में कोई नहीं है।
विष्णु ने अपने एक हाथ का वज़न गरुड पर डाला तो गरुड को अपनी शक्तिहीनता का अनुभव हो गया। वे नतमस्तक हो गए। इसके बाद भगवान विष्णु ने अपने पैर के अंगूठे से सुमुख को उठाकर गरुड की छाती पर डाल दिया यानी शत्रु की सुरक्षा का ज़िम्मा दे दिया। तब से गरुड सुमुख को सारी सृष्टि में उठाए घूम रहे हैं।
नाम की बात करें तो, सुमुख भगवान शिव का भी नाम है, भगवान विष्णु का भी नाम है और तो और गरुड के भी एक पुत्र का नाम सुमुख है।
आभार सहित 🌷🌷🙏
(तस्वीर नेपाल के काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे की है)
मूर्तिकला की फ़ोटो हो सकती है
81
32
लाइक करें
कमेंट करें

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें