●●●●●●●●●●●●●●●
याददाश्त को बढ़ाने के कारगर उपाय :-
बार-बार भूलने की समस्या बहुत ही परेशानी देने वाली होती है। जिन लोगों के साथ ये समस्या होती है सिर्फ वे खुद ही नहीं उनसे जुड़े अन्य लोग भी कई बार समस्या में पड़ जाते है। उम्र बढ़ने के
साथ-साथ कई लोगों की याददाश्त कमजोर होने लगती है। किसी भी चीज को ढ़ूंढने या काम को याद रखने के लिए दिमाग पर जोर डालना पड़ता है।
प्रथम उपाय खानपान से -
याददाश्त को बढ़ाने के कारगर उपाय :-
बार-बार भूलने की समस्या बहुत ही परेशानी देने वाली होती है। जिन लोगों के साथ ये समस्या होती है सिर्फ वे खुद ही नहीं उनसे जुड़े अन्य लोग भी कई बार समस्या में पड़ जाते है। उम्र बढ़ने के
साथ-साथ कई लोगों की याददाश्त कमजोर होने लगती है। किसी भी चीज को ढ़ूंढने या काम को याद रखने के लिए दिमाग पर जोर डालना पड़ता है।
प्रथम उपाय खानपान से -
नीचे लिखी चीजों को अपने आहार में शामिल करें और पाएं गजब की याददाश्त।
• ब्राह्मी-
ब्राह्मी का रस या चूर्ण पानी या मिश्री के साथ लेने से याददाश्त
तेज होती है। ब्राह्मी के तेल की मालिश से दिमागी कमजोरी, खुश्की दूर होती है।
• ब्राह्मी-
ब्राह्मी का रस या चूर्ण पानी या मिश्री के साथ लेने से याददाश्त
तेज होती है। ब्राह्मी के तेल की मालिश से दिमागी कमजोरी, खुश्की दूर होती है।
• फल-
लाल और नीले रंगों के फ लों का सेवन भी याद्दाशत बढ़ाने में याददाश्त बढ़ाने में मददगार होते हैं जैसे सेब और ब्लूबेरी खाने से भूलने की बीमारी दूर होती है।
लाल और नीले रंगों के फ लों का सेवन भी याद्दाशत बढ़ाने में याददाश्त बढ़ाने में मददगार होते हैं जैसे सेब और ब्लूबेरी खाने से भूलने की बीमारी दूर होती है।
• सब्जियां-
बैंगन का प्रयोग करें। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व दिमाग के टिशू को स्वस्थ्य
रखने में मददगार होते हैं। चुकंदर और प्याज भी दिमाग बढ़ाने में अनोखा काम करते हैं।
• गेहूं -
गेहूं के जवारे का जूस पीने से याददाश्त बढ़ती है। गेहूं से बने हरीरा में शक्कर और
बादाम मिलाकर पीने से भी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
• अखरोट -
अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स व विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद प्राकृतिक रसायनों को नष्ट होने से रोककर रोगों की रोकथाम करते हैं। इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है। रोजाना अखरोट के सेवन से याददाश्त बढ़ती है।
बैंगन का प्रयोग करें। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व दिमाग के टिशू को स्वस्थ्य
रखने में मददगार होते हैं। चुकंदर और प्याज भी दिमाग बढ़ाने में अनोखा काम करते हैं।
• गेहूं -
गेहूं के जवारे का जूस पीने से याददाश्त बढ़ती है। गेहूं से बने हरीरा में शक्कर और
बादाम मिलाकर पीने से भी स्मरण शक्ति बढ़ती है।
• अखरोट -
अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स व विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद प्राकृतिक रसायनों को नष्ट होने से रोककर रोगों की रोकथाम करते हैं। इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन मौजूद होता है। रोजाना अखरोट के सेवन से याददाश्त बढ़ती है।
दूसरा उपाय योग के माध्यम से -
हाल में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने माना है कि हर बात पर गूगल करने की हमारी फिदरत हमारी याददाश्त के लिए बड़ा खतरा होती जा रही है और इसकी वजह से हमारी याददाश्त पिछली पीढ़ी के मुक़ाबले कम हो रही है । दिमाग तेज रखने और याददाश्त बढ़ाने के लिए भूचरी आसन जानिए, इस मुद्रा की सही विधि-
हाल में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने माना है कि हर बात पर गूगल करने की हमारी फिदरत हमारी याददाश्त के लिए बड़ा खतरा होती जा रही है और इसकी वजह से हमारी याददाश्त पिछली पीढ़ी के मुक़ाबले कम हो रही है । दिमाग तेज रखने और याददाश्त बढ़ाने के लिए भूचरी आसन जानिए, इस मुद्रा की सही विधि-
इसे करने के लिए सुखासन में यानी पालथी मारकर सीधे बैठें और कमर सीधी रखें।
- अब हथेलियों को ऊपर की ओर करके अपनी जांघों या घुटनों पर रखें। आराम महसूस करें।
- आंखें बंद करें और गहरी सांस लें व नाक से ही सांस छोड़ें।
- एक हाथ उठाएं और अंगूठे से ऊपर के होठ को हल्का दबाएं, हथेली नीचे की ओर होनी चाहिए। कोहनी की सीध में उंगलियां हों।
- अब आंखें खोलें और अपनी छोटी उंगली की ओर देखने का प्रयास करें, बिना पलक झपकाएं।
- कोशिश करें कि 10 मिनट तक यह अभ्यास कर सकें और फिर सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
°°°°°°°°°°°°°°°°
सरदर्द के लिए अचूक "प्राकृतिक चिकित्सा "मात्र पांच मिनट में सरदर्द "गायब"
°°°°°°°°°°°°°°°°
सरदर्द के लिए अचूक "प्राकृतिक चिकित्सा "मात्र पांच मिनट में सरदर्द "गायब"
नाक के दो हिस्से हैं दायाँ स्वर और बायां स्वर जिससे हम सांस लेते और छोड़ते हैं ,पर यह बिलकुल अलग - अलग असर डालते हैं और आप फर्क महसूस कर सकते हैं |
दाहिना नासिका छिद्र "सूर्य" और बायां नासिका छिद्र "चन्द्र" के लक्षण को दर्शाता है या प्रतिनिधित्व करता है |
सरदर्द के दौरान, दाहिने नासिका छिद्र को बंद करें और बाएं से सांस लें |
और बस ! पांच मिनट में आपका सरदर्द "गायब" है ना आसान ?? और यकीन मानिए यह उतना ही प्रभावकारी भी है..
===========================
अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं तो बस इसका उल्टा करें...
यानि बायीं नासिका छिद्र को बंद करें और दायें से सांस लें ,और बस ! थोड़ी ही देर में "तरोताजा" महसूस करें |
===========================
दाहिना नासिका छिद्र "गर्म प्रकृति" रखता है और बायां "ठंडी प्रकृति"
===========================
अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं तो बस इसका उल्टा करें...
यानि बायीं नासिका छिद्र को बंद करें और दायें से सांस लें ,और बस ! थोड़ी ही देर में "तरोताजा" महसूस करें |
===========================
दाहिना नासिका छिद्र "गर्म प्रकृति" रखता है और बायां "ठंडी प्रकृति"
अधिकांश महिलाएं बाएं और पुरुष दाहिने नासिका छिद्र से सांस लेते हैं और तदनरूप क्रमशः ठन्डे और गर्म प्रकृति के होते हैं सूर्य और चन्द्रमा की तरह |
================
प्रातः काल में उठते समय अगर आप बायीं नासिका छिद्र से सांस लेने में बेहतर महसूस कर रहे हैं तो आपको थकान जैसा महसूस होगा ,तो बस बायीं नासिका छिद्र को बंद करें, दायीं से सांस लेने का प्रयास करें और तरोताजा हो जाएँ |
================
अगर आप प्रायः सरदर्द से परेशान रहते हैं तो इसे आजमायें ,दाहिने को बंद कर बायीं नासिका छिद्र से सांस लें
बस इसे नियमित रूप से एक महिना करें और स्वास्थ्य लाभ लें |
==============
तो बस इन्हें आजमाइए और बिना दवाओं के स्वस्थ महसूस करें |
^^^^^^^^^^^^^^^^^
शाश्त्रों में कहा गया है :-
पुतिमास स्त्रियो व्रद्धा बालार्कस्तरुणंदधि!
प्रभाते मैथुनं निद्रा सधः प्राण हराणिषट्!!
अर्थात- मांस खाना, वृद्धा स्त्री से सभ्भोग, आश्विन का सूर्य, तत्काल का जमाया हुआ दही, प्रभात समय का मैथुन एवं निद्रा-ये छ: प्राण को तत्काल नाश करने वाले होते है !
१- मांस न खाये !
२- वृद्धा स्त्री के साथ सहवास न करे !
३- तुरंत का जमा दही न खाये!
४- गर्भवती औरत के साथ सहवास न करे !
५- रात्रि में फल न खाये!
६- सूर्य की और मुह करके पेशाब न करे!
७- बरगत, पीपल, देव मंदिर, नदी व श्मशान में पेशाब न करे !
८- भोजन के समय क्रोध न करे !
९- दही या मूली एक साथ न खाये !
१०- लोकी व उरद की दाल एक साथ न खाये !
११- मछली और दूध एक साथ न खाये !
१२- बच्चो के सामने गुप्त और अश्लील बातें न करे !
१३- चिकित्षक ( वैध ) से भूलकर भी बैर न करे !
१४- रोग और दुश्मन को छोटा न समझे!
================
प्रातः काल में उठते समय अगर आप बायीं नासिका छिद्र से सांस लेने में बेहतर महसूस कर रहे हैं तो आपको थकान जैसा महसूस होगा ,तो बस बायीं नासिका छिद्र को बंद करें, दायीं से सांस लेने का प्रयास करें और तरोताजा हो जाएँ |
================
अगर आप प्रायः सरदर्द से परेशान रहते हैं तो इसे आजमायें ,दाहिने को बंद कर बायीं नासिका छिद्र से सांस लें
बस इसे नियमित रूप से एक महिना करें और स्वास्थ्य लाभ लें |
==============
तो बस इन्हें आजमाइए और बिना दवाओं के स्वस्थ महसूस करें |
^^^^^^^^^^^^^^^^^
शाश्त्रों में कहा गया है :-
पुतिमास स्त्रियो व्रद्धा बालार्कस्तरुणंदधि!
प्रभाते मैथुनं निद्रा सधः प्राण हराणिषट्!!
अर्थात- मांस खाना, वृद्धा स्त्री से सभ्भोग, आश्विन का सूर्य, तत्काल का जमाया हुआ दही, प्रभात समय का मैथुन एवं निद्रा-ये छ: प्राण को तत्काल नाश करने वाले होते है !
१- मांस न खाये !
२- वृद्धा स्त्री के साथ सहवास न करे !
३- तुरंत का जमा दही न खाये!
४- गर्भवती औरत के साथ सहवास न करे !
५- रात्रि में फल न खाये!
६- सूर्य की और मुह करके पेशाब न करे!
७- बरगत, पीपल, देव मंदिर, नदी व श्मशान में पेशाब न करे !
८- भोजन के समय क्रोध न करे !
९- दही या मूली एक साथ न खाये !
१०- लोकी व उरद की दाल एक साथ न खाये !
११- मछली और दूध एक साथ न खाये !
१२- बच्चो के सामने गुप्त और अश्लील बातें न करे !
१३- चिकित्षक ( वैध ) से भूलकर भी बैर न करे !
१४- रोग और दुश्मन को छोटा न समझे!
जय हिंद
________________
ये प्रयोग भी करें और ले चमत्कारी परिणाम
यदि आप अपने जीवन में कुछ परिवर्तन करना चाहते है तो ऐसा नियमित रूप से करेगे तो इससे आप का भाग्य और समय धीरे धीरे परिवर्तन होने लगेगा इस महीने में ब्रह्म बेला में उठ कर इश्वर का नाम , ध्यान , योग और पूजा करने से अकस्मात् लाभ होता है
________________
ये प्रयोग भी करें और ले चमत्कारी परिणाम
यदि आप अपने जीवन में कुछ परिवर्तन करना चाहते है तो ऐसा नियमित रूप से करेगे तो इससे आप का भाग्य और समय धीरे धीरे परिवर्तन होने लगेगा इस महीने में ब्रह्म बेला में उठ कर इश्वर का नाम , ध्यान , योग और पूजा करने से अकस्मात् लाभ होता है
1. सूर्योदय से पूर्व ब्रह्मा बेला में उठे , और अपने दोनों हांथो की हंथेली को रगरे और हंथेली को देख कर अपने मुंह पर फेरे, क्योंकि :- शास्त्रों में कहा गया है की
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती । करमूले स्थिता गौरी, मंगलं करदर्शनम् ॥
हमारे हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी, तथा हाथ के मूल मे सरस्वती का वास है अर्थात भगवान ने हमारे हाथों में इतनी ताकत दे रखी है,
ज़िसके बल पर हम धन अर्थात लक्ष्मी अर्जित करतें हैं। जिसके बल पर हम विद्या सरस्वती प्राप्त करतें हैं।इतना ही नहीं सरस्वती तथा लक्ष्मी जो हम अर्जित करते हैं, उनका समन्वय स्थापित करने के लिए प्रभू स्वयं हाथ के मध्य में बैठे हैं। ऐसे में क्यों न सुबह अपनें हाथ के दर्शन कर प्रभू की दी हुई ताकत का अहसास करते हुए तथा प्रभू के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए दिन की अच्छी शुरूवात करें।
कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती । करमूले स्थिता गौरी, मंगलं करदर्शनम् ॥
हमारे हाथ के अग्र भाग में लक्ष्मी, तथा हाथ के मूल मे सरस्वती का वास है अर्थात भगवान ने हमारे हाथों में इतनी ताकत दे रखी है,
ज़िसके बल पर हम धन अर्थात लक्ष्मी अर्जित करतें हैं। जिसके बल पर हम विद्या सरस्वती प्राप्त करतें हैं।इतना ही नहीं सरस्वती तथा लक्ष्मी जो हम अर्जित करते हैं, उनका समन्वय स्थापित करने के लिए प्रभू स्वयं हाथ के मध्य में बैठे हैं। ऐसे में क्यों न सुबह अपनें हाथ के दर्शन कर प्रभू की दी हुई ताकत का अहसास करते हुए तथा प्रभू के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए दिन की अच्छी शुरूवात करें।
2.मल , मूत्र , दातुन (मंजन) , भोजन करते समय मौन ( शांत ) रहे
3- . योग और प्राणायाम को नियमित जीवनचर्या में शामिल करे ,ऐसा करने से शरीर हमेशा निरोग रहता है,
4. . प्रातः अपने माता पिता गुरुजनों और अपने से बड़ों का आशीर्वाद ले , ऋषियों ने कहा है की जो भी माता बहन या भाई बंधू अपने घरों में रोज अपने से बड़ो या पति , सास -ससुर का रोज आशीर्वाद लेते है उनके घर में कभी अशांति नहीं आती है या कभी भी तलाक या महामरी नहीं हो टी है इशलिये अपने से बड़ो की इज्जत करें और उनका आशीर्वाद लें .
5 तिलक किये बिना और अपने सर को बिना ढके पूजा पाठ और पित्रकर्म या कोई भी शुभ कार्य न करें, जहाँ तक हो सके तिलक जरुर करें,
6. रोज नहा धोकर अपने शारीर को स्वक्ष करें , साफ वस्त्र पहने , गुरु और इश्वर का चिंतन करते हुए अपने काम को इश्वर की सेवा करते हुए करें, कुछ भी खाने पिने से पहले गाय, कुत्ता और कौवा का भोजन जरुर निकले, इश्को करने से आप के घर में अन्ना का भंडार हमेशा भरा रहेगा.
7.सोते समय अपना सिरहाना (सर ) पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर रखने से धन व आयु की बढ़ोत्तरी होती है।उत्तर की ओर सिरहाना रखने से आयु की हानि होतीहै
8. कभी भी बीम या शहतीर के नीचे न बैठें और न ही सोयें । इससे देह पीड़ा या सिर दर्द होता है ।
9. अपने घर में तुलशी का पौधा लगायें ,
10-घर में पोछा लगाते समय पानी में नमक या सेंधा नमक डाल लें । घर में झाडू व पोंछा खुले स्थान पर न रखें ।
11-घर में टूटे-फूटे बतरन, टूटा दर्पण ( शीशा ), टूटी चारपाई या बैड न रखें । इनमें दरिद्रता का वास होता है।
12-यदि घर में कोइ घडी ठीक से नहीं चल रही हैं तो उन्हें ठीक करा लें ।बंद घड़ी गृहस्वामी के भाग्य को कम करती है ।
13-पूर्व की ओर मुंह करके भोजन करने से आयु, दक्षिण की ओर मुंह करके भोजन करने से प्रेत, पश्चिम की ओर मुंह करके भोजन करने से रोग व उत्तर की ओर मुंह करके भोजन करने से धन व आयु की प्राप्ति होती है ।
14- परोपकार का पालन करें, असहाय , गरीब और पशुओं और पर्यावरण की रक्षा करें
15- अपने धर्मं की रक्षा करें, मानव समाज की रक्षा करें, अपने देश और जन्मभूमि की रक्षा करें ,
16-मन वाणी और कर्म से सदाचार का पालन करें .
17- प्यार ही जीवन है खुद भी जियो और दूसरों को भी जीने दो ,
>>>>>>>><<<<<<<<<<
आप सभी पाठकों का हमारी ओर से सस्नेह, सादर हार्दिक अभिनन्दन एवं स्वागत। आप सभी के स्नेह एवं सहयोग को देखते हुए हमने अपने ब्लॉग को भी एक नए कलेवर में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
3- . योग और प्राणायाम को नियमित जीवनचर्या में शामिल करे ,ऐसा करने से शरीर हमेशा निरोग रहता है,
4. . प्रातः अपने माता पिता गुरुजनों और अपने से बड़ों का आशीर्वाद ले , ऋषियों ने कहा है की जो भी माता बहन या भाई बंधू अपने घरों में रोज अपने से बड़ो या पति , सास -ससुर का रोज आशीर्वाद लेते है उनके घर में कभी अशांति नहीं आती है या कभी भी तलाक या महामरी नहीं हो टी है इशलिये अपने से बड़ो की इज्जत करें और उनका आशीर्वाद लें .
5 तिलक किये बिना और अपने सर को बिना ढके पूजा पाठ और पित्रकर्म या कोई भी शुभ कार्य न करें, जहाँ तक हो सके तिलक जरुर करें,
6. रोज नहा धोकर अपने शारीर को स्वक्ष करें , साफ वस्त्र पहने , गुरु और इश्वर का चिंतन करते हुए अपने काम को इश्वर की सेवा करते हुए करें, कुछ भी खाने पिने से पहले गाय, कुत्ता और कौवा का भोजन जरुर निकले, इश्को करने से आप के घर में अन्ना का भंडार हमेशा भरा रहेगा.
7.सोते समय अपना सिरहाना (सर ) पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर रखने से धन व आयु की बढ़ोत्तरी होती है।उत्तर की ओर सिरहाना रखने से आयु की हानि होतीहै
8. कभी भी बीम या शहतीर के नीचे न बैठें और न ही सोयें । इससे देह पीड़ा या सिर दर्द होता है ।
9. अपने घर में तुलशी का पौधा लगायें ,
10-घर में पोछा लगाते समय पानी में नमक या सेंधा नमक डाल लें । घर में झाडू व पोंछा खुले स्थान पर न रखें ।
11-घर में टूटे-फूटे बतरन, टूटा दर्पण ( शीशा ), टूटी चारपाई या बैड न रखें । इनमें दरिद्रता का वास होता है।
12-यदि घर में कोइ घडी ठीक से नहीं चल रही हैं तो उन्हें ठीक करा लें ।बंद घड़ी गृहस्वामी के भाग्य को कम करती है ।
13-पूर्व की ओर मुंह करके भोजन करने से आयु, दक्षिण की ओर मुंह करके भोजन करने से प्रेत, पश्चिम की ओर मुंह करके भोजन करने से रोग व उत्तर की ओर मुंह करके भोजन करने से धन व आयु की प्राप्ति होती है ।
14- परोपकार का पालन करें, असहाय , गरीब और पशुओं और पर्यावरण की रक्षा करें
15- अपने धर्मं की रक्षा करें, मानव समाज की रक्षा करें, अपने देश और जन्मभूमि की रक्षा करें ,
16-मन वाणी और कर्म से सदाचार का पालन करें .
17- प्यार ही जीवन है खुद भी जियो और दूसरों को भी जीने दो ,
>>>>>>>><<<<<<<<<<
आप सभी पाठकों का हमारी ओर से सस्नेह, सादर हार्दिक अभिनन्दन एवं स्वागत। आप सभी के स्नेह एवं सहयोग को देखते हुए हमने अपने ब्लॉग को भी एक नए कलेवर में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है।
pandit ji
जवाब देंहटाएंNice blog thanks for sharing this
Thanks for sharing memory increasing tips. Very informative post. Herbal medicine is beneficial for increasing mind power and concentration.visit http://www.hashmidawakhana.org/memory-enhancement-capsule.html
जवाब देंहटाएं