मै बात कर रहा था शादीशुदा जिदगी मे आ रही परेशानीयो की आज बात करते गुरू की गुरू ग्रह कैसे प्रभावित करता है हमे । 7वे भाव गुरू आ जाए तो जातक लवमैरिज की ओर बढता है लेकिन गलत तरीके से नही वो उस रिलेशन को बखूबी निभाता है लेकिन ऐ तब होता है जब वो पिडित न हो लवमैरिज को सफलता से चलाने मे देव गुरू बडी भूमीका अदा करते है अगर इस भाव मे राहू साथ हो जाए तो लवमैरिज आगे ऐसै मोड पर टूट जाती है जब दोनो को साथ की अधिक जरूरत होती है परेशानी मन मे ऐसै होती है शकी बना देता है राहू जातक को लव मे भी सेम यही होता सालो से चल रही लवरसिप सिर्फ छोटी वजह से टूट जाती है अब लडके का शुक्र 12वे घर मे हुआ तो वो आशिक मिजाज होगा उसे अधिक फर्क नि बडता लेकिन गुरू चद्र 4घर मे हो तो वो हलके दिल का होता है कोई भी रिश्ता बडी गहराई से निभाने वाला होता है । गुरू वही अपने घर यानी 12 वे मे चला जाए तो राहू कही भी हो गुरू को चोट जरूर मारेगा यहा वो इसलिए कि ऐ उसका भी अपना घर है यहा जातक के बिश्तर के सुख को खतम कर देता है नीदं नी आती उसे ।
कल आगे-----
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