सोमवार, 23 मार्च 2015

निष्ट ग्रहों से बचाव के उपाय ***************
सूर्य : सूर्य अनिष्ट हो तो हृदय रोग उदर संबंधी नेत्र संबंधी ऋण मानहानी अपयश होता है। ऐसे में जातक सूर्य उपासना, रविवार का व्रत, हरिवंश पुराण का पाठ करें।
चंद्र : चंद्र अगर कमजोर हो तो शारीरिक आर्थिक मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। मिर्गी माता को कष्ट होता है। ऐसे में कुलदेवी की उपासना चावल पानी का दान करें।
मंगल : भाई का विरोध, अचल सम्पत्ति, पुलिस कार्रवाई अदालती अड़चने हिंसा, चोरी आदि मंगल के कमजोर होने पर होते हैं। ऐसे में सुंदरकांड का पाठ, हनुमान चालीसा, हनुमान जी की आराधना फलदायक होती है।
बुध : पथरी, बवासीर, ज्वर, गुर्दा, स्नायुरोग, दंत, विकार बुध की दुर्बलता से होता है। ऐसे में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें व पंता रत्न धारण करें।
गुरू : विवाह में बाधा, अपनों से वियोग घर में तनाव, घर से विरक्ती होती है। ऐसे में श्रीमद भागवत का पाठ, हरी पूजन व गुरुवार का व्रत करें।
शुक्र : वायु प्रकोप, संतान उत्पन्न करने में अक्षमता, दुर्बल शरीर, अतिसार, अजीर्ण आदि शुक्र के कारण होता है। ऐसे में मां लक्ष्मी की उपासना, खीर का दान करें।
शनि : दाम्पत्य जीवन का कलह पूर्ण होना गुप्त रोग, दुर्घटना, अयोग्य संतान आदि शनि के कारण होता है। भैरव जी की आराधना शनि उपासना, मांस मदिरा से परहेज करें।
राहु : आकस्मिक घटना भूत–प्रेत बाधा ज्वर विदेश यात्रा टीबी, बवासीर आदि रोग होते हैं। राहु का प्रभाव राजनीति क्षेत्र में माना जाता है। ऐसे में कन्या दान, भैरव आराधना करें।
केतु : घुटने में दर्द मधुमेह ऐश्वर्य नाश ऋण का बढ़ना पुत्रों पर संकट आदि होता है। कुत्ते को रोटी, कम्बल का दान आदि किया जाता है।

शनि राहु केतु के बिना गाडी सडक पर चल ही नही सकती
शनि राहु केतु के साथ के बिना कोई शुक्र सडक पर नही चल सकता है,शुक्र गाडी है,खाली
शुक्र शनि है तो भार वाहक गाडी है,शुक्र के साथ राहु है तो सजी हुई गाडी है,गुरु का प्रभाव
है तो हवाई जहाज भी है,केतु अगर कर्क के संचरण में है तो चार पहिये की गाडी है,वृश्चिक
के संचरण में है तो आठ पहिये की गाडी है,और अगर किसी प्रकार से तुला या वृष का है
तो दो पहिये के अलावा कुछ सामने नही आता है,गुरु केतु और शुक्र सही जगह पर है तो
जातक हवाई जहाज उडाने की हैसियत रखता है,और अगर वह नकारात्मक पोजीसन में है तो जातक को पतंग उडाना सही रूप से आता होगा,तो देखा आपने केतु की कितनी बडी औकात है,
बिना केतु की सहायता के रिलायंस के फ़ोन नही चल सकते थे,बिना सूर्य राहु और नवें भाव के केतु के बीएसएनएल भारत में टेलीफ़ोन नही चला सकता था,और बिना गुरु केतु के एयरटेल टावर खडे करने के बाद मोबाइल का काम नही कर सकता था,शुक्र केतु नोकिया को चलाकर महंगे मोबाइल दे रहा है,तो शुक्र केतु ही सूर्य के असर से स्पाइस के मोबाइल बाजार में लाने की हिमाकत कर रहा है,शुक्र मंगल और बुध केतु को सहारा बनाकर दुनिया की बडी बडी बैंको के अन्दर दिवालियापन ला रहे है,लेकिन यही कारण उन कम्पनियों को बहुत आशा देगा,जो राहु नामकी रिस्वत को न देकर अपने काम को ईमानदारी से कर रहे है,और उनके लिये बहुत बढिया समय सामने आ रहा है।शनि गाडी है,राहु पैट्रोल है और केतु पहिये है,इसी प्रयोग को अगर शरीर के अन्दर लाया जाय तो शनि शरीर राहु विद्या और केतु हाथ पैर,बताइये इनके बिना गाडी कैसे चल सकती है?

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